आईएएस गोविंद जयसवाल की UPSC सक्सेस स्टोरी बेहद प्रेरणादायक है क्योंकि वे शून्य संसाधनों, तमाम कठिनाइयों के बावजूद हिम्मत हारे बिना तैयारी में जुटे रहे और सफलता प्राप्त की, IAS बने।
गोविंद हमेशा एक आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखते थे। वह वाराणसी के रहने वाले हैं। उनके पिता एक रिक्शा चालक थे और कड़ी मेहनत से उन्होंने 35 रिक्शा खरीदे थे।
सबकुछ तब तक ठीक था जब तक गोविंद की मां बीमार नहीं पड़ी। उनके इलाज के लिए गोविंद के पिता को 20 रिक्शा बेचनी पड़ी, फिर भी उनकी मां को बचाया नहीं जा सका। 1995 में उनका निधन हो गया।
जब मां का निधन हुआ वे छोटे थे। स्कूली शिक्षा और कॉलेज पूरी करने के बाद गोविंद का लक्ष्य था यूपीएससी की तैयारी के लिए सही मार्गदर्शन प्राप्त करना जिसके लिए वे दिल्ली आना चाहते थे।
गोविंद के लिए उनके पिता हीरो बनकर आये। उन्होंने आर्थिक तंगी को अपने बेटे पर हावी नहीं होने दिया और गोविंद की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए अपने 14 और रिक्शे बेच दिए।
अब गोविंद के पिता के पास केवल एक रिक्शा बचा था, जिसे उन्होंने अपने बेटे की शिक्षा के लिए खुद चलाना शुरू कर दिया। गोविंद ने पिता से प्रोत्साहित होकर दिन-रात एक कर मेहनत की।
गोविंद जयसवाल ने 2006 में अपने पहले प्रयास में ऑल इंडिया रैंक (एआईआर) 48 के साथ यूपीएससी परीक्षा पास की।