हर साल 11 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है, जो स्वतंत्रता सेनानी और पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर आयोजित होता है।
मौलाना आजाद का मानना था कि शिक्षा समाज में बदलाव लाने का सबसे सशक्त माध्यम है, और हर व्यक्ति को ऐसी शिक्षा का अधिकार होना चाहिए जो उसके जीवन को समृद्ध बनाए।
उनकी दूरदर्शिता के कारण अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) जैसी संस्थाओं की स्थापना हुई।
इस दिन का उद्देश्य शिक्षा के महत्व को समझाना और समाज के हर वर्ग तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करना है।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस युवाओं में तर्कसंगत सोच, कुशलता और समाज में शिक्षा के योगदान को बढ़ाने पर जोर देता है।
रैलियां, स्ट्रीट शो, पोस्टर-चार्ट बनाना और शिक्षण संस्थानों में सेमिनार, कार्यशालाएं, निबंध प्रतियोगिताएं और साक्षरता पर रैलियां आयोजित होती हैं।
2008 में भारत सरकार ने 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस घोषित किया। इसकी पहली बार शुरुआत राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने विज्ञान भवन, दिल्ली में की थी।
इस दिन का उद्देश्य भारत के शैक्षिक संस्थानों को मजबूत करना और देश को ज्ञान-संपन्न समाज बनाने के लिए विचार-विमर्श करना है।