लेफ्टिनेंट कर्नल आर मुरुगैयान54 वर्ष के हैं। उन्होंने फुलटाइम हाई सैलरी जॉब और उम्र की बाधाओं को परे रख कर मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास करने का फैसला किया और सफलता भी पाई।
लेफ्टिनेंट कर्नल आर मुरुगैयान ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और बीपीसीएल कोच्चि रिफाइनरी में मुख्य प्रबंधक के रूप में काम कर रहे थे।
पारिवारिक दबाव के कारण इंजीनियरिंग की थी और हमेशा डॉक्टर बनना चाहते थे। दशकों तक एक इंजीनियर के रूप में काम करने के बाद मुरुगैयान ने अपना सपना पूरा करने का फैसला किया।
NEET परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और उन्होंने अपनी किशोर बेटी के साथ NEET परीक्षा में बैठने का फैसला किया।
54 साल की उम्र में मुरुगैयान ने अपनी 18 वर्षीय बेटी शीतल के साथ NEET परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया।
फुल टाइम जॉब के साथ अपनी पढ़ाई मैनेज करना कठिन था, लेकिन लेफ्टिनेंट कर्नल ने कभी उम्मीद नहीं खोई और सफलता की राह पर चलते रहे।
हर दिन अपनी नौकरी से वापस आने के बाद मुरुगैयान शाम को अपनी बेटी के साथ पढ़ाई करने बैठते थे। उनकी पत्नी ने उनकी पढ़ाई और नौकरी मैनेज करते समय उन्हें बहुत सपोर्ट किया।
लेफ्टिनेंट कर्नल आर मुरुगैयान और उनकी बेटी ने NEET 2021 परीक्षा में बैठने का फैसला किया और अंततः उसी वर्ष मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त की।
पिता-पुत्री की जोड़ी को सफलता मिली। अच्छी रैंक के साथ NEET पास करने के बाद मुरुगैयान ने अपनी हाई सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी।
लेफ्टिनेंट कर्नल को चेन्नई के श्रीललीतांबिका मेडिकल कॉलेज में सीट मिली जबकि बेटी शीतल को विनायक मिशन मेडिकल कॉलेज, पांडिचेरी में एडमिशन मिला। दोनों ने MBBS कोर्स में दाखिला लिया।
एमबीबीएस करने के अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल के पास इंजीनियरिंग, लॉ और बिजनेस में डिग्री है। अब पिता-बेटी की जोड़ी एमबीबीएस की डिग्री पूरी करने और डॉक्टर बनने के लिए पूरी तरह तैयार है।