राघव मिश्रा कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के बेटे हैं। पिता की तरह ही राघव मिश्रा भी शिवमहापुराण कथा वाचन में पारंगत हैं और कथावाचन के फील्ड में पिता की तरह आगे बढ़ रहे हैं।
कुबेरेश्वर धाम के पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा वाचन विरासत को आगे बढ़ाते हुए बेटे राघव भी शिवमहापुराण कथा वाचन कर रहे हैं। राघव मिश्रा की पहली कथा पिता के कुबेश्वर धाम से शुरू हुई।
राघव मिश्रा की पहली कथा वाचन को सुनने अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक और उनके पिता पंडित प्रदीप मिश्रा और राघव की मां प्रज्ञा मिश्रा भी कुबेश्वर धाम पर पहुंचे।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय कथावाचक भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा दुनिया भर में मशहूर हैं। कहा जाता है कि पंडित मिश्रा शिव महापुराण की कथा बहुत ही अद्भुत ढंग से सुनाते हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा सुनने के लिए भक्त बड़ी संख्या में उमड़ते हैं और उस स्थान पर महाकुंभ जैसा दृश्य बन जाता है।
शिव महापुराण सुनाने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा कभी-कभी अपने बेटे को भी कथा में अपने साथ ले जाते थे। यहीं से राघव की भी रुचि कथा वाचन में जगी।
एक बेहतर कथाचनक बनने के लिए राघव मिश्रा ने भजन गायकी की शिक्षा लेने के साथ ही पवित्र ग्रंथों का गहरा अध्ययन करके अपने आध्यात्मिक ज्ञान को बढ़ाया।
पंडित प्रदीप मिश्रा महादेव की होली में शामिल होने आष्टा गए थे। जहां गलती से नारियल माथे पर लग जाने से उनका लंबे समय से इलाज चल रहा है। डॉक्टर्स ने उन्हें आराम करने को कहा है।
पंडित प्रदीप मिश्रा के दो बेटे हैं। बड़े बेटे राघव ने इस बार आईईएस कान्वेंट स्कूल से 10वीं पास की। राघव पढ़ाई में बहुत तेज हैं हालांकि वह कथावाचन में ही अपना करियर बनाना चाहते हैं।