परीक्षा पे चर्चा प्रोग्राम में पीएम मोदी ने टेक्नोलॉली के हस्तक्षेप के बिना क्वालिटी फैमिली टाइम की वकालत करते हुए अभिभावकों को घरों के अंदर नो गैजेट जोन की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा- घर के अंदर 'नो गैजेट जोन' होना चाहिए। जब आप अपने परिवार के साथ हों, खाने की मेज पर बैठे हों तो बातचीत करने के लिए फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
पीएम मोदी ने ना केवल इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बल्कि हमारे शरीर को भी "रिचार्ज" करने के महत्व पर बात की।
कहा कि अगर आपके मोबाइल को चार्ज करने की आवश्यकता है, तो क्या आपको अपने शरीर को भी चार्ज नहीं रखना चाहिए? इसके लिए उचित नींद लेना बहुत जरूरी है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि छात्रों पर तनाव तीन प्रकार का होता है - साथियों के दबाव से प्रेरित, माता-पिता द्वारा और स्वयं से प्रेरित।
छात्रों से कहा- कभी-कभी बच्चे खुद पर दबाव ले लेते हैं कि वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। तैयारी के दौरान छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित करें।
धीरे-धीरे अपने प्रदर्शन में सुधार लाएं, ऐसा करने से परीक्षा से पहले पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे।
छात्रों को भारत के भविष्य को आकार देने वाला बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम उनके लिए भी एक परीक्षा की तरह है।
PPC के सातवें एडिशन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि छात्र पहले से कहीं अधिक इनोवेटिव हो गए हैं। पीएम मोदी ने कहा, हमारे छात्र हमारे भविष्य को आकार देंगे।