गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़े इंडिया के टॉप 7 गेमर्स के साथ पीएम मोदी की मुलाकात चर्चा में है। बातचीत के दौरान पीएम ने गेमिंग इंडस्ट्री के बारे में कई सवाल किये। खुद गेम्स भी खेले।
जवाब- कई बार ऐसा होता है कि गेम्स क्रिएटर 10-12 घंटे सिर्फ सोचते रहते हैं। कई बार 2 घंटे में भी गेम बन जाता है और कई बार 10-10 दिन तक लगे रहना पड़ता है।
जवाब- इंडिया में गेमिंग इंडस्ट्री में विदेशों से ज्यादा क्रिएटिविटी है। विदेशों की तुलना में इंडिया में नेक्स्ट लेवल गेम्स बहुत ही सस्ते में उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
जवाब- भारत में गेम्स खेलने वाले, गेम्स डेवलपर्स इसीलिए आगे बढ़ पा रहे क्योंकि उन्हें कई जगह फ्री इंटरनेट, सस्ता इंटरनेट मिल पा रहा है। गेमर्स ने कहा हमारे साथ भी ऐसा ही है।
नमन माथुर ने बताया कि उन्हें लाइव चैट में एक लड़के ने लिखा मेरा ब्रेकअप हो गया है तब उनका जवाब था कोई बात नहीं तेरा भाई तेरे साथ है। पीएम मोदी जवाब सुन कर अपनी हंसी रोक नहीं पाये।
जवाब- कई बार पैरेंट्स गेमर्स को कहते हैं मेरा बच्चा आपका गेम्स देख बिगड़ रहा। आप बच्चों को बोलो कि वे पढ़ाई करें। ऐसे पैरेंट्स और बच्चों दोनों को गेमिंग की सही जानकारी की जरूरत है।
पैरेंट्स को बताने की जरूरत है कि ईस्पोर्ट्स क्या है। बच्चों को कहते हैं पहले पढ़ाई करो, मेहनत करो, नौकरी करो, फ्री टाइम में खेलो, सबकुछ छोड़-छाड़ कर नहीं। जब चल जाये तब डिसीजन लो।
गेमर्स ने पीएम से कहा कि ईस्पोर्ट्स को आइडेंटिफाइ किया जाये। इससे इसे पूश मिलेगा। पीएम मोदी ने इसके जवाब में कहा कि गेमिंग इंडस्ट्री खुले में ही फले-फूलेगी। बंदिश में यह दब जायेगी।
जवाब- कई लोग गेमिंग और gambolling में फर्क नहीं कर पाते। ऐसे लोगों को बताना पड़ता है कि gambolling बिल्कुल अलग है। गेमिंग सट्ट या जुआ नहीं। ईस्पोर्ट्स में हाई मेंटल कैपिसिटी चाहिए।
पीएम ने गेमर्स से सोशल, एनवायरमेंटल मुद्दों से जुड़े गेम्स बनाने पर बात की। 7 गेमर्स में नमन माथुर,अनिमेश अग्रवाल, मिथिलेश पाटणकर, पायल धरे, अंशु बिष्ट,तीर्थ मेहता, गणेश गंगाधर थे।