IAS ऑफिसर पूजा खेडकर का फर्जी दिव्यांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट मामला सामने आने के बाद सभी के मन में यह प्रश्न है कि आखिर दिव्यांगता कैटेगरी में UPSC कैंडिडेट को कितनी छूट मिलती है।
यदि आप भी जानना चाहते हैं कि यूपीएससी सेलेक्शन में आखिर किसी कैंडिडेट को दिव्यांगता कैटेगरी में क्या और कितनी छूट मिलती है। तो आगे पढ़िए।
यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम में शारीरिक रूप से दिव्यांग कैंडिडट को कई तरह की छूट दी गई है। इस कोटे के तहत कैंडिडेट को अधिकतम उम्र सीमा में 10 साल तक की छूट दी गई है।
यूपीएससी एग्जाम में प्रयासों की बात करें तो दिव्याांग कैंडिडेट 9 अटेम्प्ट या अधिकतम उम्र सीमा खत्म होने तक परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
कैंडिडेट को उन्हीं दिव्यांगता के मामले में आरक्षण प्राप्त है, जो नियम अनुसार सरकार ने तय किये हैं। लिस्टेट दिव्यांगता श्रेणी के अलावा अन्य मामलों में आरक्षण नहीं मिलता है।
दिव्यांगता कैटेगरी में आरक्षण तभी मिल सकता है जब कैंडिडेट में कम से कम 40% शारीरिक विकलांगता हो। उससे कम के मामले में इस कोटे के तहत फायदा नहीं मिलता है।
पीडब्ल्यूबीडी कैटेगरी के उम्मीदवारों के पास कोटे के तहत छूट के लिए यूपीएससी प्रीलिम्स के लिए आवेदन करने से पहले के दिव्यांगता से संबंधित मेडिकल सर्टिफिकेट होने जरूरी हैं।
सेलेक्शन के बाद और नियुक्ति से पहले पीएच उम्मीदवारों को केन्द्र या राज्य सरकार द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी विकलांगता सर्टिफिकेट जमा करना जरूरी होता है।