रेणुका आराध्या को बचपन से ही कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा इसके बावजूद उन्होंने बड़ी सफलता हासिल की और आज 40 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं।
रेणुका आराध्या बेंगलुरु के पास छोटे से गांव से हैं। जन्म एक गरीब पुजारी परिवार में हुआ था। घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि रेनुका को दूसरे लोगों के घरों में नौकर भी बनना पड़ा।
किसी 10वीं की पढ़ाई पूरी की। फिर एक मंदिर में पुजारी के रूप में काम करने लगे। पूजा के बाद रेणुका और उनके पिता घर-घर जाकर लोगों से चावल, आटा और दाल मांगते, जिससे परिवार का पेट भरता।
20 साल की उम्र में रेणुका की शादी हो गई। इस बीच वह सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रहे थे उनकी पत्नी ने भी एक फर्म में हेल्पर के रूप में काम किया और बाद में टेलर बन गईं।
फिर रेणुका ने लेथ मशीन पर काम किया, फिर एक प्लास्टिक फैक्ट्री में इसके बाद अपना खुद का सूटकेस कवर बिजनेस शुरू किया लेकिन घाटा हो गया और फिर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करनी पड़ी।
फिर रेणुका ने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ी और एक ट्रैवल एजेंसी से जुड़े।यहां विदेशी पर्यटकों को घुमाने का काम करते। लगभग 4 साल तक ड्राइवर का काम किया, फिर खुद ट्रैवल कंपनी खोली।
बैंक की मदद से रेणुका ने पहली कार खरीदी और प्रवासी कैब्स प्राइवेट लिमिटेड शुरू की। तभी एक कैब कंपनी की हालत खराब चल रही थी उस कंपनी को करीब 6 लाख में खरीदा जिसमें 35 कैब थे।
रेनुका को असली सफलता तब मिली जब अमेजन इंडिया ने उन्हें अपने प्रमोशन के लिए चुना। धीरे-धीरे वॉलमार्ट और जनरल मोटर्स जैसी बड़ी कंपनियों ने रेणुका के साथ काम करना शुरू कर दिया।
आज रेणुका आराध्या ने इस बिजनेस के माध्यम से 150 से अधिक लोगों को रोजगार दिया है। समय के साथ उनकी कंपनी का टर्नओवर 40 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया।