गणतंत्र दिवस भारतीयों के दिलों में खास जगह रखता है क्योंकि इस दिन 1950 में भारतीय संविधान लागू हुआ था।
गणतंत्र दिवस वो दिन है जब भारत ने एक लोकतांत्रिक गणराज्य का रूप लिया और अपने लिए एक लिखित संविधान अपनाया, जो लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और एकता जैसे मूल्यों को सहेजता है।
गणतंत्र दिवस पर देश के राष्ट्रपति ध्वजफहरण करते हैं। क्या आप जानते हैं कि इस दिन तिरंगे को "फहराया" नहीं बल्कि "फैलाया" जाता है? यानि "ध्वजारोहण" और "ध्वजफहरण" दोनों में अंतर है।
जानिए गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फैलाने और स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने दोनों में क्या फर्क है।
ध्वजफहरण (Hoisting) का मतलब है झंडे को खंभे के निचले हिस्से से ऊपर खींचकर फहराना। जबकि ध्वजफैलाव (Unfurling) का मतलब पहले से बंधे हुए तिरंगे को खोलना। दोनों के तरीके अलग होते हैं।
गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति तिरंगे को खंभे की ऊपरी स्थिति से फैलाते हैं। यह प्रक्रिया देश की प्रगति और विकास के प्रति हमारे संकल्प को दर्शाती है।
ध्वजफैलाव (Unfurling) उस पल का प्रतीक है जब भारत ने औपनिवेशिक शासन से निकलकर एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक गणराज्य का दर्जा पाया।
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री तिरंगे को खंभे के निचले हिस्से से ऊपर खींचकर फहराते हैं। यह स्वतंत्रता और देशभक्ति का प्रतीक है।
इस दिन का ध्वजारोहण हमें उस ऐतिहासिक पल की याद दिलाता है जब भारत ने अंग्रेजों की गुलामी से आजादी पाई और एक नए राष्ट्र का जन्म हुआ।