भारत हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाता है, जो 1950 में संविधान लागू होने की याद दिलाता है। इस साल देश अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है।
26 जनवरी का दिन ऐतिहासिक रूप से खास है क्योंकि इसी दिन 1930 में 'पूर्ण स्वराज दिवस' मनाया गया था। जब 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ और भारत को एक संप्रभु गणराज्य घोषित किया।
पहले गणतंत्र दिवस समारोह 24 जनवरी से शुरू होता था। लेकिन 2022 में इसे 23 जनवरी से शुरू किया जाने लगा। गणतंत्र दिवस का समापन 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ होता है।
बीटिंग रिट्रीट गणतंत्र दिवस समारोह का अंतिम हिस्सा है, जो 29 जनवरी को आयोजित होता है। इसमें भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के बैंड मिलकर देशभक्ति धुनें बजाते हैं।
बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम में भारत के राष्ट्रपति, जो तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर होते हैं, सलामी लेते हैं। इस परंपरा की जड़ें प्राचीन समय की सैन्य परंपराओं से जुड़ी हैं।
1950 से 1954 तक यह परेड अलग-अलग जगहों पर आयोजित हुई, जैसे कि इरविन स्टेडियम (अब मेजर ध्यानचंद स्टेडियम), किंग्सवे (अब कर्तव्य पथ), लाल किला और रामलीला मैदान।
1955 के बाद से अब गणतंत्र दिवस परेड हर साल दिल्ली के राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर आयोजित किया जाता है।
पहले गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। परेड मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में हुई थी, जिसमें 100 से ज्यादा विमान, 3000 से ज्यादा सैन्यकर्मी थे।
राष्ट्रपति को सम्मान देने के लिए 21 तोपों की सलामी दी जाती है। यह सलामी असली गोले की बजाय खाली कारतूस से दी जाती है और इसका समय राष्ट्रीय गान की अवधि से मेल खाता है।
पहले ब्रिटिश-निर्मित 25-पाउंडर तोपों से सलामी दी जाती थी, लेकिन 2023 में इन्हें स्वदेशी 105 mm फील्ड गन से बदल दिया गया।
1950 में पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे। 1955 में जब परेड पहली बार राजपथ पर हुई, तब पाक के गवर्नर-जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद मुख्य अतिथि बने।
इस साल की थीम 'स्वर्णिम भारत–विरासत और विकास' भारत की समृद्ध संस्कृति और विकास को दिखाता है।
गणतंत्र दिवस 2025 के खास अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
परेड में 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, 10 केंद्रीय मंत्रालयों की झांकियां प्रदर्शित होंगी।इंडोनेशिया सेना का 160 सदस्यीय मार्चिंग दल व 190 सदस्यीय बैंड भी परेड में हिस्सा लेगा।