रितेश अग्रवाल OYO फाउंडर ने बताया कि कैसे शुरुआती दिनों में उनकी टीम को एक होटल गेस्ट के लिए मैन्युअल रूप से पानी की टंकी भरने के लिए मजबूर किया गया था।
यह ठीक उसी समय हुआ था जब वह अमेरिकी इनवेस्टर्स के साथ बातचीत कर रहे थे कि कंपनी का वैल्यूएशन $ 3 मिलियन होना चाहिए या $4 मिलियन।
अग्रवाल ने यह बताने के लिए इस घटना का जिक्र किया कि कैसे स्टार्टअप फाउंडर को सफल होने के लिए हर तरह की चीजों के लिए तैयार रहना चाहिए।
घटना के बारे में बताया कि एक होटल में दो पानी के टैंक थे। एक टैंक में पानी खत्म हो गया था और जबकि दूसरे में पानी भरा गया था। मेहमान उस मंजिल पर रहना चाहते थे जहां टैंक खाली था।
गेस्ट को मना नहीं किया जा सकता था क्योंकि उनके चेक आउट करने का रिस्क उठाना पड़ सकता था ऐसे में उन्होंने उपाय निकाला एक पाइप ली उसमें से हवा निकाली और उसे दो टैंकों के बीच रख दिया।
लेकिन जब पाइप का पानी भी खत्म हो गया तब बाल्टी की मदद से टंकी भरी गई। ओयो सीईओ ने यूट्यूबर थिंक स्कूल के इंडियन बिजनेस पॉडकास्ट में ये बातें कहीं।
जब वह और उनकी टीम इस चुनौतीपूर्ण काम से निपट रहे थे, अग्रवाल को अमेरिका में उन इनवेस्टर के कॉल में शामिल होना पड़ा जो उनकी कंपनी के वैल्यूएशन की मांग कर रहे थे।
उस समय पीछे से कॉल आ रहा था। भारत में देर रात थी लेकिन न्यूयॉर्क में सुबह हो गई थी। कॉलर कह रहा था आपका वैल्यूएशन $ 3 मिलियन या $ 4 मिलियन क्या होना चाहिए।
बाल्टी से पानी भरते हुए कॉल रिसीव करना। कल्पना कीजिए एक तरफ मिलियन डॉलर और दूसरी तरफ वो बाल्टी टाइम पे पानी ट्रांसफर हो रहा है या नहीं।
उन्होंने कहा, यह वास्तविकता है जिसे उद्यमियों को पहचानने की जरूरत है। इसमें 1% ग्लैमर है लेकिन वह 1% ग्लैमर बहुत जल्दी आपको मिलियन डॉलर से वाटर ट्रांसफर की बाल्टी तक ले जाता है।
उन्होंने कहा कि बहुत से संस्थापक हार मान लेते हैं और अक्सर यह समझ पाने में असफल हो जाते हैं कि वे सफलता के कितने करीब हैं। एंटरप्रेन्योरशिप में सबसे बड़ी गलती यही है।