चिट्ठी आई है और चांदी जय रंग जैसी गजलों के लिए जाने जाने वाले गजल गायक पंकज उधास का लंबी बीमारी के कारण निधन हो गया। बेटी नायाब उधास ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह सूचना दी।
पंकज उधास को हिंदी सिनेमा और भारतीय पॉप संगीत में उनके योगदान के लिए जाना जाता था। पंकज उधास को 2006 में पद्म श्री सम्मान से नवाजा गया था। उनका 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
पंकज उधास चारण भारत के एक गजल गायक थे। उनका जन्म 17 मई 1951 को गुजरात में राजकोट के पास चारखड़ी-जैतपुर में हुआ था। पंकज उधास 3 भाइयों में सबसे छोटे थे।
पंकज उधास के पिता का नाम केशूभाई उधास और मां का नाम जीतूबेन उधास था। उनके पिता केशुभाई उधास एक सरकारी नौकरी करते थे। पंकज उधास के भाई निर्मल उधास और मनहर उधास भी मशहूर गायक थे।
पंकज उधास ने सर बीपीटीआई भावनगर से शिक्षा प्राप्त की थी। फिर उनका परिवार मुंबई आ गया था तो यहां उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया।
पंकज उधास ने गुलाम कादिर खान साहब से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली। उसके बाद ग्वालियर घराने के गायक नवरंग नागपुरकर से भी संगीत सीखी।
पंकज उधास को 1980 में अपने पहले गजल एल्बम आहट से प्रसिद्धि मिली और फिर "मुकरार," "तरन्नुम," और "महफिल" जैसी हिट फिल्में दीं। फिल्म नाम का गाना 'चिट्ठी आई है' बेहद लोकप्रिय हुआ।
पंकज उधास ने कई फिल्मों के गाने गाये जो बहुत पॉपुलर हुए इसके अलावा 2009 तक वे 40 एल्बम रिलीज कर चुके थे।
एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया था कि वह पहले डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन जिंदगी ने उनके लिए कुछ और ही सोच रखा था।
पंकज ने फरीदा जो पारसी परिवार से ताल्लुक रखती थीं शादी की थी। दोनों की शादी में धर्म के कारण परेशानी आई थी लेकिन फिर बाद में दोनों परिवार मान गये थे।
पंकज उधास और फरीदा की दो बेटियां हैं। रेवा उधास और नायाब उधास। पंकज उधास अपने पीछे करीब 25 करोड़ की संपत्ति छोड़ गये हैं।