भारत ने 11 मार्च को कई हथियारों के साथ लैस अग्नि-5 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस बड़ी उपलब्धि की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, इसे 'मिशन दिव्यास्त्र' कहा।
अग्नि-5 प्रोजेक्ट का नेतृत्व हैदराबाद में देश के मिसाइल कैंपस डीआरडीओ की एक महिला साइंटिस्ट शीना रानी ने किया, जो 1999 से अग्नि मिसाइल सिस्टम पर काम कर रही हैं।
एमआईआरवी टेक्नोलॉजी वाली अग्नि-5 मिसाइल को कई लोग शीना रानी के भारत के रक्षा अनुसंधान के 25वें वर्ष के लिए सर्वोच्च गौरव करार दे रहे हैं।
शीना रानी भारत की मिसाइल टेक्नोलॉजिस्ट 'अग्नि पुत्री' टेसी थॉमस के नक्शेकदम पर चलती हैं, जिन्होंने अग्नि श्रृंखला की मिसाइलों के डेवलपमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
एनर्जी पावरहाउस के रूप में जानी जाने वाली 57 वर्षीय शीना रानी, हैदराबाद में रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की एडवांस सिस्टम लेबोरेटरी में एक साइंटिस्ट हैं।
कंप्यूटर साइंस में एक्सपर्टीज के साथ साइंटिस्ट शीना रानी एक ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियर हैं। शीना रानी ने तिरुवनंतपुरम में इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की है।
उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में 8 वर्ष काम किया। 1998 पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद DRDO में चली गईं। 1999 से अग्नि श्रृंखला के लिए लॉन्च कंट्रोल सिस्टम पर काम कर रही है।
शीना रानी के पति पीएसआरएस शास्त्री ने भी मिसाइलों पर डीआरडीओ के साथ काम किया और 2019 में इसरो द्वारा लॉन्च किए गए कौटिल्य उपग्रह के इंचार्ज भी थे।