शेख हसीना की कुछ बड़ी गलतियों ने बांग्लादेश में आरक्षण आंदोलन को भड़काया जिसके कारण देश के लोगों में असंतोष बढ़ा। यहां हसीना की पांच चूक के बारे में जानिए जो उनके पतन का कारण बना।
सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर असंतोष पहले से ही बढ़ रहा था।जब बांग्लादेश हाईकोर्ट ने 2018 में सरकार के आरक्षण रद्द करने के सर्कुलर को अवैध बताया, विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
5 जून को सरकारी नौकरी में आरक्षण पर दिये हाईकोर्ट के फैसले का सपोर्ट करना शेख हसीना पर भारी पड़ गया, जिससे विरोध प्रदर्शन और तेज हो गए।
हसीना की सरकार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर सख्ती शुरू कर दी, जिससे प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और बढ़ गया। छात्रों पर की गई सख्ती ने आंदोलन को और भड़का दिया।
हसीना ने एक बयान में कहा कि आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को नहीं तो क्या रजाकारों के वंशजों को दिया जाना चाहिए। 'रजाकार' शब्द बांग्लादेश में बहुत अपमानजनक है।
हसीना ने कहा कि प्रदर्शनकारी खुद को रजाकार कहलाने में शर्म महसूस नहीं करते। यह बयान छात्रों को उकसाने वाला था और उन्होंने इसे सरकार के खिलाफ अपने नारे में बदल लिया।
प्रदर्शनकारी 'रजाकार' शब्द को लेकर हसीना पर निशाना साधने लगे। इन गलतियों ने मिलकर बांग्लादेश में आरक्षण आंदोलन को भड़काया और शेख हसीना के खिलाफ बड़े पैमाने पर असंतोष को जन्म दिया।