सिंधु गणपति, दक्षिणी रेलवे की पहली ट्रांसवुमन TTE को जानिए
Education Feb 15 2024
Author: Anita Tanvi Image Credits:social media
Hindi
दक्षिणी रेलवे की पहली ट्रांसवुमन ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर
सिंधु गणपति दक्षिणी रेलवे की पहली ट्रांसवुमन ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (टीटीई) बन गई हैं। हालांकि इस युवा महिला के लिए यह मुकाम हासिल करना आसान नहीं था।
Image credits: social media
Hindi
नागरकोइल में जन्म
सिंधु गणपति का जन्म तमिलनाडु के एक साधारण शहर नागरकोइल में हुआ। सिंधु ने 2003 में केरल के त्रिवेन्द्रम डिवीजन के अंतर्गत एर्नाकुलम में रेलवे के साथ अपना करियर शुरू किया।
Image credits: social media
Hindi
जेंडर आइडेंटिटी की चुनौतियों का सामना
उन्हें समय- समय पर सामाजिक अपेक्षाओं और अपनी जेंडर आइडेंटिटी की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सिंधु को 2009 में मदुरै डिवीजन के तहत डिंडीगुल में स्थानांतरित कर दिया गया था।
Image credits: social media
Hindi
नौकरी से छुट्टी लेने के लिए मजबूर हुईं
एक समय ऐसा भी आया जब रेलवे कम्युनिटी से सपोर्ट पाने के बावजूद, बाहरी दबावों के कारण वह 2010 में अपनी नौकरी से छुट्टी लेने के लिए मजबूर हुईं।
Image credits: social media
Hindi
रेलवे में वापस आने का फैसला
कभी हार न मानने के फैसले के साथ सिंधु ने रेलवे में वापस आने का फैसला किया। अपने जेंडर चेंज के संबंध में रेलवे अधिकारियों की हिचकिचाहट के बावजूद वापस लौटी।
Image credits: social media
Hindi
एसआरएमयू का हस्तक्षेप
सिंधु की बहाली दक्षिणी रेलवे मजदूर संघ (एसआरएमयू) नेताओं के हस्तक्षेप और समर्थन के माध्यम से संभव हो सकी।
Image credits: social media
Hindi
सिंधु को सर्विस जारी रखने की अनुमति मिली
रेलवे प्रशासन ने उसकी जेंडर पहचान को मान्यता दी और सिंधु को सर्विस जारी रखने की अनुमति दी गई। अब दक्षिणी रेलवे ने पावरफुल मैसेजे देते हुए TTE के रूप में उनकी नियुक्ति की पुष्टि की।
Image credits: social media
Hindi
ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए मील का पत्थर
मीडिया को संबोधित करते हुए सिंधु ने आत्मविश्वास से बताया कि यह निर्णय न केवल उनके लिए बल्कि उनके पूरे समुदाय के लिए एक मील का पत्थर है।