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कभी IAS बनना चाहती थी मिसाइल वुमन टेसी थॉमस, फिर ऐसे बनी साइंटिस्ट

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कौन हैं डॉ. टेसी थॉमस

डॉ. टेसी थॉमस का जन्म अप्रैल 1963 में थाथमपल्ली, केरल में हुआ था। वह थॉमस थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशनों के करीब रहती थीं, जिससे उनका ध्यान रॉकेट, मिसाइलों की ओर गया।

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इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक

टेसी थॉमस ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट माइकल हायर सेकेंडरी स्कूल और सेंट जोसेफ गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की। 1983 में कालीकट विवि से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया।

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ऑपरेशंस मैनेजमेंट में MBA

इंस्टीट्यूट ऑफ आर्मामेंट टेक्नोलॉजी से DRDO द्वारा प्रायोजित एमई किया। 2014 में जेएनटीयू, हैदराबाद से मिसाइल गाइडेंस में Phd और 2007 में इग्नू से ऑपरेशंस मैनेजमेंट में MBA किया।

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आईएएस अधिकारी बनना था सपना

डॉ. टेसी थॉमस एक आईएएस अधिकारी बनना चाहती थीं और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा भी दी थी, लेकिन उनका डीआरडीओ में पहले ही सेलेक्शन हो गया। उन्होंने इस अवसर को हाथ से जाने नहीं दिया।

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अग्नि प्रोग्राम की डेवलपमेंट से जुड़ी

डॉ. टेसी थॉमस वर्ष 1986 में गाइडेड मिसाइल्स में एक फैकल्टी मेंबर के रूप में आईएटी, पुणे में शामिल हुईं। वह अग्नि प्रोग्राम की डेवलपमेंट से जुड़ी रही हैं।

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लंबी दूरी की मिसाइल सिस्टम के लिए स्ट्रेटजी तैयार करने वाली साइंटिस्ट

लंबी दूरी की मिसाइल सिस्टम के लिए स्ट्रेटजी तैयार करने के पीछे टेसी थॉमस का दिमाग था। AGNI-4 प्रोजेक्ट का भी नेतृत्व किया और  AGNI-5 सिस्टम की प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहीं।

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32 वर्षों से अधिक करियर

डॉ. टेसी थॉमस 32 वर्षों से अधिक समय से काम कर रही हैं और मार्गदर्शन, नियंत्रण, नेविगेशन, प्रक्षेपवक्र सिमुलेशन और मिशन डिजाइन सहित कई क्षेत्रों में मार्गदर्शक रही हैं।

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डॉ. टेसी थॉमस को मिल चुके हैं अनगिनत अवॉर्ड

डॉ. टेसी थॉमस को DRDO की ओर से कई पुरस्कार मिले हैं। साथ ही मैडम मैरी क्यूरी महिला विज्ञान पुरस्कार, लाल बहादुर शास्त्री पुरस्कार, एपीजे अब्दुल कलाम आजाद अवार्ड सहित अन्य कई हैं।

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