हर किसी की जिंदगी में कभी न कभी ऐसा मोड़ आता है जब ख्वाब बदलते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हालात से हार मानने के बजाय नया रास्ता चुनते हैं और वहां भी कमाल कर जाते हैं।
ऐसी ही कहानी है हैदराबाद के कार्तिक मधीरा की, जिन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहा और आईपीएस बनकर देश की सेवा का सपना पूरा किया।
कार्तिक मधीरा का बचपन क्रिकेट के मैदानों में बीता। अंडर-13 से लेकर अंडर-19 तक वे तेलंगाना की टीम का हिस्सा रहे। लोग उन्हें भविष्य का सितारा मानने लगे थे।
क्रिकेट खेलने के दौरान लगी एक चोट और कुछ निजी वजहों ने कार्तिक मधीरा का क्रिकेट करियर थाम दिया। कार्तिक कहते हैं, क्रिकेट मेरा पहला प्यार था, पर किस्मत ने दूसरी राह दिखा दी।
क्रिकेट छूटने के बाद कार्तिक मधीरा ने पढ़ाई में पूरा ध्यान लगाया और कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।
इसके बाद कार्तिक मधीरा ने 6 महीने तक एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी भी की। लेकिन दिल में अब भी कुछ अधूरा था। उन्हें महसूस हुआ कि असली सुकून तो समाज के लिए कुछ करने में है।
कार्तिक मधीरा का UPSC का सफर आसान नहीं था। तीन बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। चौथी बार उन्होंने ऐसा कमाल किया कि 2019 में ऑल इंडिया रैंक 103 हासिल की और IPS बने।
आज महाराष्ट्र के लोनावला में ASP हैं, लेकिन जब भी वक्त मिलता है, क्रिकेट बैट थाम लेते हैं। उनके साथी बताते हैं, जब साहब मैदान में उतरते हैं तो उनका जोश देखने लायक होता है।
कार्तिक मधीरा मानते हैं कि क्रिकेट से मिली अनुशासन और संयम की सीख आज भी उनकी नौकरी में काम आती है।
कार्तिक मधीरा के कोच रमेश शर्मा कहते हैं, कार्तिक की मेहनत गजब की थी। वो हार से भी कुछ सीखते थे और फिर दुगने जोश से वापसी करते थे।
कार्तिक मधीरा की कहानी सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है। लोग कह रहे हैं, क्रिकेट से IPS तक का सफर, वाकई प्रेरणादायक है। एक ने लिखा, इरादे मजबूत हों तो रास्ते खुद बन जाते हैं।