पहली बार में ही यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस बनने वाले विकास दिव्यकीर्ति की पोस्टिंग गृह मंत्रालय के राजभाषा डिपार्टमेंट में सेक्शन ऑफिसर के तौर पर हुई थी।
लेकिन कुछ ही महीने में उन्होंने यह कहते हुए अपने आईएएस पोस्ट से इस्तीफा दे दिया कि उन्हें इस नौकरी में मजा नहीं आ रहा है।
आईएएस के पद से इस्तीफे के बाद उन्होंने डीयू के शिवाजी कॉलेज में लेक्चरर पोस्ट के लिए अप्लाई किया लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया।
लेक्चरर के लिए रिजेक्ट होने के बाद ही उन्होंने IAS कोचिंग दृष्टि की शुरुआत की। दोस्तों से 15 हजार उधार लिए, किराये पर कुर्सियां और कमरा लेकर 15 कैंडिडेट के साथ सफर शुरू हुआ।
उनके पढ़ाने और समझाने का सरल अंदाज स्टूडेंट्स को खूब भाया और आज दृष्टि आईएएस को यूपीएससी की तैयारी कराने वाले देश के सबसे लोकप्रिय संस्थानों में गिना जाता है।
विकास दिव्यकीर्ति का जन्म हरियाणा में हुआ। सरस्वती शिशु मंदिर, भिवानी से स्कूली शिक्षा ली। फिर DU के जाकिर हुसैन कॉलेज से इतिहास में बीए, हिंदी साहित्य और समाजशास्त्र में एमए किया।
उन्होंने एम.फिल, एलएलबी और पीएचडी की डिग्री भी हासिल की है। अंग्रेजी से हिंदी ट्रांसलेशन में पीजी किया है।
विकास दिव्यकीर्ति के पिता रोहतक के एक कॉलेज में हिंदी पढ़ाते थे। मां भिवानी में स्कूल टीचर थीं। दिव्यकीर्ति के दो भाई हैं, एक अमेरिका में इंजीनियर हैं। दूसरे CBI में DIG हैं।
विकास दिव्यकीर्ति ने डॉ. तरुणा वर्मा से शादी की है। वो कोचिंग संस्थान दृष्टि- द विजन की एमडी हैं। कपल का एक बेटा है, जिसका नाम सत्विक दिव्यकीर्ति है।