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इन देशों में है कानून,ऑफिस टाइम के बाद स्टाफ को परेशान नही कर सकता बॉस

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राइट टू डिस्कनेक्ट लॉ क्या है?

राइट टू डिस्कनेक्ट लॉ वह कानून है जो कर्मचारी को काम के घंटे पूरे करने के बाद बॉस को ना कहने का अधिकार देता है। यानी ऑफिस टाइम के बाद बॉस स्टाफ को काम के लिए परेशान नहीं कर सकता।

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वर्तमान समय में इसकी जरूरत बढ़ी

वकीलों का तर्क है कि राइट टू डिस्कनेक्ट लॉ आधुनिक युग में आवश्यक है, विशेष रूप से हाइब्रिड और दूरस्थ कार्य व्यवस्था के साथ इसकी जरूरत बढ़ गई।

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ऑस्ट्रेलिया में राइट टू डिस्कनेक्ट लॉ

कई यूरोपीय देशों को फॉलो करते हुए अब ऑस्ट्रेलिया भी उन देशों में शामिल होने को तैयार है, जो कर्मचारियों को कार्यालय समय के बाद डिस्कनेक्ट करने का अधिकार देता है।

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स्टाफ को मिलेगा इनकार करने का अधिकार

इस कानून के तहत ऑस्ट्रेलियाई कर्मचारियों को काम के घंटों के बाद कंपिनयों के द्वारा काम करने, किसी तरह का जवाब देने के लिए कहने पर इनकार करने का अधिकार मिलेगा।

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कहां-कहां लागू है राइट टू डिस्कनेक्ट कानून

आस्ट्रेलिया से पहले फ्रांस, स्पेन और बेल्जियम में राइट टू डिस्कनेक्ट कानून लागू हैं जो कर्मचारियों को उनके पर्सनल टाइम में अनुचित घुसपैठ से बचाता है।

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इटली, बेल्जियम समेत इन देशों में भी

यूरोप में इटली, बेल्जियम, स्पेन, आयरलैंड और पुर्तगाल जैसे देशों ने पहले से ही राइट-टू-डिस्कनेक्ट कानून लागू कर दिया है।

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शिक्षकों के लिए डिजिटल डिस्कनेक्शन राइट

कनाडा के ओंटारियो प्रांत और ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड राज्य ने भी शिक्षकों के लिए डिजिटल डिस्कनेक्शन राइट पेश किए हैं

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भारत में राइट टू डिस्कनेक्ट लॉ

संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत में इस बहस ने व्यापक जोर नहीं पकड़ा है।

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