दो भारतीय अमेरिकी साइंटिस्ट अशोक गाडगिल और सुब्रा सुरेश को नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन से सम्मानित किया गया। यह US में टेक्निकल अचीवमेंट के लिए सर्वोच्च सम्मान है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने 24 अक्टूबर को गाडगिल और सुरेश को मेडल दिया। अशोक गाडगिल कैलिफोर्निया विवि व बर्कले में प्रोफेसर व लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेटरी के सीनियर साइंटिस हैं।
अशोक गाडगिल प्रसिद्ध आविष्कारक हैं। उनका काम विकासशील देशों में स्वच्छ पानी, ऊर्जा दक्षता और स्वच्छता तक पहुंच में सुधार के लिए सस्ती और प्रभावी टेक्नोलॉजी के विकास पर केंद्रित है।
गाडगिल का जन्म मुंबई में हुआ था। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से फिजिक्स में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की।
उन्होंने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से फिजिक्स में एमएससी और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
सुब्रा सुरेश एक भारतीय मूल के अमेरिकी बायोइंजीनियर, कंटेंट साइंटिस्ट एंड एकेडमिक, एक प्रोफेसर एमेरिटस और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पूर्व डीन हैं।
उनका शोध इंजीनियरिंग, फिजिकल साइंस, लाइफ साइंस और मेडिसीन के अंतर्संबंध पर केंद्रित है। वह एमआईटी के पांच स्कूलों में से किसी का नेतृत्व करने वाले पहले एशियाई मूल के प्रोफेसर थे।
मुंबई में जन्मे सुरेश ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास से बीटेक की डिग्री पूरी की। बाद में, उन्होंने आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री ली।
कैम्ब्रिज में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की। यह मेडल उन्हें दिया जाता है जो अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए विशेष मान्यता के पात्र हैं।
इन अग्रणी लोगों ने चुनौतीपूर्ण समस्याओं से निपटने और अमेरिकियों और दुनिया भर के समुदायों के लिए अभिनव समाधान प्रदान करने के लिए साइंस एंड टेक्नोलॉजी की शक्ति का उपयोग किया है।