शतरंज खिलाड़ी आर प्रज्ञाननंदा ने विश्व चैंपियन डिंग लाइरेन को हरा दिया है। अब वे विश्वनाथन आनंद को पीछे छोड़ नंबर 1 भारतीय शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं।
10 अगस्त 2005 को तमिलनाडु में जन्मे आर प्रज्ञाननंदा ने 2013 में अल-ऐन (यूएई) में यूथ शतरंज चैंपियनशिप में अपनी पहली ट्रॉफी जीतकर सभी का ध्यान आकर्षित किया।
आर प्रज्ञाननंदा साल 2016 में सबसे कम उम्र के इंटरनेशनल चेस मास्टर बने। जब उन्होंने यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की तब वह सिर्फ 10 साल, 10 महीने और 19 दिन के थे।
2022 में नॉर्वेजियन विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन पर प्रज्ञाननंदा की जीत ने उन्हें विश्व चैंपियन को हराने वाला तीसरा भारतीय बना दिया।यह उपलब्धि एयरथिंग्स मास्टर्स 2022 में हासिल की।
आर प्रज्ञाननंदा विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी हैं। ग्रैंडमास्टर प्रज्ञाननंदा के परिवार में उनकी मां, पिता और एक बहन है।
आर प्रज्ञाननंदा महान विश्वनाथन आनंद के बाद शतरंज विश्व कप के फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय हैं। उनकी बहन वैशाली भी एक प्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ी हैं।
प्रज्ञाननंदा 2016 के बाद से कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय भी हैं। शतरंज में इनकी रुचि बहन को देखकर ही हुई।
आर प्रज्ञाननंदा फिडे विश्व कप फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय हैं। उन्होंने FIDE विश्व कप सेमीफाइनल के टाई-ब्रेकर में विश्व नंबर 3 फैबियानो कारूआना को हरा फाइनल में पहुंचे।
प्रगनानंद ने 16 जनवरी को टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को हरा दिया। चीन के विश्व चैंपियन पर जीत के साथ वह नंबर 1 भारतीय शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं।
प्रज्ञानानंद को क्रिकेट खेलना भी पसंद है और उन्हें जब भी समय मिलता है तो वह मैच खेलने के लिए जाते हैं। भारत के महान दिग्गज शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आंनद ने उन्हें गाइड किया है।