ईरान में मारा गया हमास नेता इस्माइल हनिएह, फिलिस्तीनी ग्रुप की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का सख्त चेहरा थे। आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद, हनियेह पिछले कुछ वर्षों से कतर में रह रहा था।
इस्माइल हानियेह का जन्म 1962 में गाजा में हुआ था। विस्थापित फिलिस्तीनी परिवार में जन्मे हानियेह एक शरणार्थी शिविर में पले-बढ़े। जिसने उनके राजनीतिक विचारों को आकार दिया।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने के बाद, इस्माइल हानियेह ने 1987 में गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय से अरबी साहित्य में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
विश्वविद्यालय के दौरान छात्र राजनीति में उनकी सक्रिय भागीदारी ने हमास में उनकी भविष्य की भूमिका के लिए मंच तैयार किया। शेख अहमद यासीन के साथ उनके संबंधों ने उनके उत्थान को गति दी।
हनियेह 2006 में हमास की चुनावी जीत के साथ फिलिस्तीनी प्राधिकरण के प्रधानमंत्री बने। उनके कार्यकाल को हमास की नीतियों के कारण अंतर्राष्ट्रीय निंदा और सहायता रोक का सामना करना पड़ा।
2007 में पीए राष्ट्रपति महमूद अब्बास द्वारा बर्खास्त किए जाने के बावजूद, हनियेह ने गाजा पर शासन करना जारी रखा, जहां आर्थिक प्रतिबंधों, सैन्य संघर्षों और आंतरिक कलह का सामना किया।
अपने जीवन में कई गिरफ्तारियां, निर्वासन झलेने वाले हनियेह को 2017 में खालिद मशाल के स्थान पर हमास के राजनीतिक ब्यूरो का अध्यक्ष चुना गया। उसने हमास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रिपोर्ट के अनुसार हनियेह की संपत्ति 400 करोड़ से ज्यादा है। इजराइल-हमास युद्ध के बीच वह कतर में शानदार जिंदगी जी रहा था। आलिशान घर, प्राइवेट जेट समेत हर तरह की सुख-सुविधाएं थीं।
इजराइल ने ईरान में इस्माइल हनियेह को मारने से पहले उसके परिवार के 14 लोगों को मार चुका है। जिसमें उसके बेटे, पोते-पोतियां, भाई शामिल थे। हनीयेह की पत्नी का नाम अमल हनीयेह है।