दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इस भूकंप का केंद्र नेपाल में था। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.6 बताई गई।
3 अक्टूबर को दोपहर करीब 2:28 बजे आए तेज झटकों के कारण लोग घरों से बाहर निकल आए। क्या आप जानते हैं कि आखिर भूकंप क्यों आते हैं? नहीं जानते तो आगे पढ़ें।
धरती मुख्य रूप से 4 परतों से बनी होती है- इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं।
यह 50 किलोमीटर की मोटी परत होती है जो कई वर्गों में बंटी होती है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं।
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स भी हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जब यह प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो पृथ्वी पर भूकंप के झटके महसूस होते हैं।
भूकंप की जांच रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल से की जाती है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है।
भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा तरंगें निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इन तरंगों से सैंकड़ों किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं।
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन सबसे ज्यादा होता है।
कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती जाती है, प्रभाव भी कम होता जाता है। रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है।