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घरों को पेंट करने वाले इस दिहाड़ी मजदूर ने कोचिंग बिना क्रैक किया NEET

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जून में आये थे नीट 2023 के नतीजे

नीट यूजी 2023 के नतीजे जून में घोषित किए गए। हर बार की तरह इस साल भी उन उम्मीदवारों के धैर्य, दृढ़ संकल्प की कहानियां सामने आईं जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी परीक्षा पास की।

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पैसे कमाने के लिए पेंटर का काम किया

ऐसे ही सफल उम्मीदवारों में से एक हैं 19 वर्षीय उमेर अहमद गनी जो कश्मीर के पुलवामा जिले के छोटे से गांव जगीगाम के रहने वाले हैं। परिवार को सपोर्ट करने के लिए पेंटर का काम करते थे।

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नीट यूजी में 700 में से 601 अंक मिले

उमेर अहमद गनी ने 700 में से 601 अंक हासिल करके NEET-UG में सफलता हासिल की। ​​उमर के पिता एक मजदूर के रूप में काम करते थे, जबकि उनकी मां परिवार की जरूरतों का ख्याल रखती थीं।

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स्कूल भी जाते और काम भी करते

एक दिहाड़ी मजदूर के तौर पर पेंटर का काम करने वाले उमर हर दिन शाम 4 बजे से 12 बजे तक और फिर सुबह 3 बजे से सुबह 8 बजे तक पढ़ाई करते थे। दिन में वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे।

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आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को सपोर्ट किया

उमर का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। जब वे कक्षा 9 में था तब उनके पिता की उम्र 50 वर्ष से अधिक थी। इसलिए उन्हें दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करना पड़ा ताकि परिवार की मदद कर सकें।

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ऐसे हुए प्रेरित

10वीं कक्षा में थे जब अपने जिले के एक लड़के के एनईईटी पास करने और डॉक्टर बनने की खबर सुनी। इसने उन्हें नीट की तैयारी के लिए प्रेरित किया।और उन्होंने 11वीं कक्षा में साइंस लिया।

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सेल्फ स्टडी का सहारा लिया

उमर ने नीट की तैयारी के लिए सेल्फ स्टडी का सहारा लिया। एनसीईआरटी की किताबों का इस्तेमाल किया और पैसों का इंतजाम करने के लिए घरों को रंगा।

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कड़ी मेहनत जरूरी

उमर ने आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि से आने वाले उम्मीदवारों के लिए कहा कि कड़ी मेहनत करने पर फोकस करना चाहिए। भले ही आपके पास पैसे न हों बहुत सारी अध्ययन सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध है।

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कश्मीर में प्रैक्टिस करने की चाहत

एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करने के बाद उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर उमर ने कहा कि वह केवल अपने कश्मीर में प्रैक्टिस करना चाहते हैं।

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