65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में 55 विनर्स ने राष्ट्रपति के हाथों से पुरस्कार ना दिए जाने पर अवार्ड सेरेमनी का बहिष्कार कर दिया था ।
दरअसल 11 अवार्ड विनर को राष्ट्रपति के हाथ वहीं बाकि 55 विजेताओं को सूचना और प्रसारण मंत्री के हाथों से पुरस्कार दिए जाने का बहिष्कार किया गया था ।
रुस्तम के लिए अक्षय कुमार को बेस्ट एक्टर का अवार्ड दिए जाने का विरोध किया गया था । उनके करीबी प्रियदर्शन उस समय जूरी मेंबर थे। वहीं कनाडाई सिटीजनशिप की वजह से विवाद बढ़ गया था।
53वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में जूरी मेंबर सहयामली बनर्जी देव ने ब्लैक को बेस्ट फिल्म अवार्ड दिए जाने को कोर्ट में चैंलेज किया था। इसे 'द मिरेकल वर्कर' का रूपांतरण बताया था।
सैफ अली खान को 'हम तुम' के लिए बेस्ट एक्टर का पुरस्कार मिला था । उनके मुकाबले दूसरे एक्टर को बेहतर बताया गया था। सैफ की मां शर्मिला टैगोर, उस समय सेंसर बोर्ड की प्रमुख थीं।
अजय देवगन को 'द लीजेंड ऑफ भगत सिंह' में बेस्ट एक्टर का पुरस्कार मिला था। जिसपर अदूर गोपालकृष्णन ने सवाल उठाए थे। प्रकाश झा जूरी मेंबर थे, वहीं अजय उनकी फिल्म में लीड रोल कर रहे थे।
किरण खेर को 'बारीवाली' के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का पुरस्कार मिला था। विवाद इस बात पर था कि किरण खेर की आवाज़ को रीता कोइराल ने डब किया था। इसलिए अवार्ड दोनों को मिलना चाहिए था।
अनिल कपूर को 'पुकार' के लिए रवीना टंडन को 'दमन' के लिए बेस्ट एक्टर- एक्ट्रेस का पुरस्कार मिला था। दोनों को फेवर किए जाने के बाद कुछ जूरी मेंबर को इस्तीफा भी देना पड़ा था ।