1975 में बतौर डायरेक्टर गुलजार ने 'आंधी' नाम से फिल्म बनाई थी। इस फिल्म पर उस वक्त ऐसा विवाद छिड़ा था कि रिलीज के बाद इसे सिनेमाघरों से हटाकर बैन कर दिया गया था।
संजीव कुमार और सुचित्रा सेन जैसे कलाकारों से सजी 'आंधी' 13 फ़रवरी 1975 को रिलीज हुई थी और 26 हफ्ते तक थिएटर्स में चलती रही थी।
फिल्म की रिलीज के बाद कयास लगाए जाने लगे कि यह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जिंदगी पर आधारित है। क्योंकि सुचित्रा सेन के किरदार का लुक इंदिरा गांधी से काफी मिलता-जुलता था।
फिल्म के पोस्टर्स पर ‘आपकी प्रधानमंत्री को पर्दे पर देखें।’, 'आज़ादी के बाद एक महान महिला राजनेता की कहानी।' जैसी लाइन्स का इस्तेमाल किया गया, जिनकी वजह से फिल्म और विवाद में घिरी।
तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री इंद्रकुमार गुजराल और उनके दो स्टाफ मेंबर्स ने फिल्म देखकर इसे रिलीज की अनुमति दी थी। लेकिन रिलीज के बाद इस फिल्म पर जमकर हंगामा हुआ।
फिल्म में सुचित्रा सेन का किरदार आरती देवी इंदिरा गांधी की तरह साड़ी पहने और अपने बालों में सफ़ेद लकीरों के साथ देखा गया। आरती देवी के तौर तरीके पूरी तरह इंदिरा गांधी जैसे बताए गए।
जून 1975 में गुजरात के विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्षी नेताओं ने 'आंधी' के सीन दिखाए, जिनमें आरती देवी को शराब और सिगरेट पीते दिखाया गया था। इससे फिल्म को और पॉपुलैरिटी मिली।
फिल्म को मिल रही पॉपुलैरिटी को एग्जीबिटर्स ने भुनाया और इसे 'आंधी में इंदिरा गांधी को देखें' जैसी लाइन से प्रमोट किया। अब तक फिल्म पूरी तरह विवाद में घिर चुकी थी।
जून 1975 में इंदिरा सरकार ने देश में आपातकाल घोषित किया और 12 जुलाई 1975 को 26 हफ्ते से चल रही आंधी को बैन कर दिया गया।उस वक्त अखबारों ने हेडलाइन थी 'आंधी की स्क्रीनिंग बैन।'
गुलजार 'आंधी' को ले मॉस्को इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल गए थे। पर प्रीमियर से पहले खबर मिली कि यह बैन हो गई है। उन्हें फिल्म के पोस्टर हटाने और प्रिंट वापस भेजने के निर्देश दिए गए।
दिसंबर 1975 में जिस वक्त गुलजार की 'मौसम' रिलीज हुई, उस वक्त 'आंधी' का कुछ पोर्शन फिल्म से शूट हो रहा था। इसमें आरती देवी का शराब पीने वाला विवादित सीन भी शामिल था।
फिल्म में साफ़ किया गया कि यह इंदिरा गांधी की बायोपिक नहीं थी। इसके लिए आरती देवी को इंदिरा गांधी के फ्रेम की ओर देखते यह कहते दिखाया गया कि वह इंदिरा गांधी जैसी बनना चाहती है।
1977 में इंदिरा गांधी चुनाव हारीं और जनता पार्टी की सरकार आई, तब 'आंधी' फिर से रिलीज की गई और यह TV पर भी दिखाई गई। 'आंधी' सुचित्रा सेन की सबसे सफल, लेकिन आखिरी बॉलीवुड फिल्म थी।