जिंदा हैं वो लोग, जो मौत से टकराते हैं...मुर्दों से बदतर हैं वो लोग जो मौत से घबराते हैं
फिल्म : मुकद्दर का सिकंदर
औरों के लिए गुनाह सही...हम पिएं तो शबाब बनती है, अरे सौ ग़मों को निचोड़ने के बाद एक कतरा शराब बनती है
फिल्म : नसीब
तुम्हारी उम्र मेरे तजुर्बे से बहुत कम है...तुमने उतनी दीवालियां नहीं देखी हैं, जितनी मैंने तुम जैसे बिकने वालों की बर्बादियां देखी हैं
फिल्मन : जैसी करनी वैसी भरी
मोहब्बत को समझना है तो प्यारे खुद मोहब्बत कर...किनारे से कभी अंदाज़-ए-तूफां नहीं आते
फिल्म : हम
दुनिया की कोई जगह इतनी दूर नहीं, जहां जुर्म के पांव में क़ानून अपनी फौलादी जंजीरें पहना ना सके
फिल्म : शहंशाह
जिंदगी का अगर सही लुत्फ़ उठाना है ना...तो मौत से खेलो
फिल्म : मुकद्दर का सिकंदर
दौलत का क्या है वो तो आती जाती रहती है...मगर बेटी तो घर की इज्ज़त है...और इज्ज़त एक बार चली जाए तो वो लौट कर वापस नहीं आया करती
फिल्म : दूल्हे राजा
जब जिंदगी की गाड़ी इश्क के प्लेटफॉर्म पर अटक जाए तो उस गाड़ी में थोड़ा सा शादी का पेट्रोल डाल देना चाहिए...तो वो गाड़ी आगे बढ़ जाती है
फिल्म : आतिश
दुनिया में आदमी की नहीं, उसके कपड़ों की, उसके धन की कदर होती है
फिल्म : हीरो नं. 1
इस संसार में भीख ले लो मगर, उधार कभी मत लो...क्योंकि भीख लेके आदमी एक बार जलील होता है...मगर उधार मांगकर सुबह-शाम जलील होता है
फिल्म : घर संसार