बॉलीवुड में भारत कुमार के नाम से मशहूर मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 को एबटाबाद (अब पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके में) में हुआ था।
मनोज कुमार की शुरुआती जिंदगी की बात करें तो यह काफी दर्द भरी रही है। उनकी लाइफ के किस्से ऐसे हैं, जो किसी की भी आंख में आंसू ला सकते हैं।
बचपन में मनोज की मां और 2 महीने का भाई अस्पताल में भर्ती हुए। तभी दंगे भड़के तो डॉक्टर्स-नर्स अस्पताल छोड़ भाग गए। मनोज की मां दर्द से कराहती रहीं तो वहीं उनके भाई की मौत हो गई थी।
1983 में उस वक्त मनोज कुमार के पिता का निधन हो गया था, जब वे ठाणे के वज्रेश्वरी मंदिर गए थे। इस दौरान भयंदर क्रीक के पुराने ब्रिज पर चलते वक्त वे गिर गए थे और नदी में बह गए थे।
बताया जाता है कि कई दिन तक मनोज कुमार के पिता की लाश नहीं मिली थी। इस घटना के बाद अभिनेता डिप्रेशन में चले गए थे और शराब पीने लगे थे। उनका वजन भी बढ़ गया था।
संघर्ष के दिनों में मनोज कुमार रंजीत स्टूडियो के लिए भूतों की कहानियां लिखते थे। इसके लिए उन्हें 10 रुपए प्रति सीन मिला करते थे।
मनोज कुमार पर बॉलीवुड में A-लिस्टर हीरो बनने का जुनून सवार था। इसके लिए उन्होंने फिल्मिस्तान स्टूडियो का 500 रुपए/महीने का ऑफर ठुकरा था। क्योंकि वे पंजाबी फ़िल्में बनाते थे।
मनोज कुमार का असली नाम हरिकिशन गोस्वामी है। उन्होंने दिलीप कुमार की एक फिल्म देखी, जिसमें उनके किरदार का नाम मनोज था। यहीं से उन्होंने अपना नाम बदल लिया।
मनोज कुमार ने 'पूरब और पश्चिम', 'क्रांति' और 'शहीद' जैसी देशभक्ति फिल्मों में काम किया और इन्हीं फिल्मों की बदौलत वे भारत कुमार के नाम से मशहूर हो गए।