संजय दत्त ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 1981 में फिल्म 'रॉकी' से की थी । इस फिल्म ने उन्हें बॉलीवुड में स्टार किड्स के रूप में पहचान दी थी।
Sanjay Dutt की पहली फिल्म सुपरहिट रही थी। जब रॉकी के गाने बेहद पसंद किए गए थे।
रॉकी को रिलीज हुए 40 साल से ज्यादा हो गए हैं। 1981 में रिलीज मूवी 1.2 करोड़ रुपये में बनी थी, इसने 6.4 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था।
Sanjay Dutt अपनी पहली ही फिल्म से स्टार बन गए। उनका करियर परवान चढ़ता नजर आ रहा था। हालांकि इसके बाद संजय दत्त को अगली सक्सेस के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ा था।
'रॉकी' के बाद संजय दत्त की करीब 10 फिल्में सुपर फ्लॉप रहीं। 1982 में रिलीज हुई 'जॉनी आई लव यू', 'विधाता' फ्लॉप हो गईं थीं।
1983 में रिलीज हुई 'बेकरार', 'दो दिलों की दास्तां', 1984 में रिलीज हुई 'जमीन आसमान' और 'मेरा फैसला' में भी संजय दत्त कोई कमाल नहीं कर पाए थे।
1985 में रिलीज हुई 'दो दिलों की दास्तां', 'जान की बाजी' और 1986 में रिलीज हुई 'मेरा हक' और 'जीवा' भी सुपर फ्लॉप रहीं। ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं दिखा पाईं थीं।
संजय दत्त की रॉकी के बाद सभी फिल्में सुपर फ्लॉप रहीं, जिसके कारण वह डिप्रेशन में रहने लगे। इसी बीच 1986 में रिलीज हुई फिल्म 'नाम' संजय दत्त की जिंदगी में टर्निंग प्वाइंट साबित हुई।
1986 में रिलीज हुई 'नाम' 80 के दशक की 8वीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी । इसमें संजय दत्त के जीजा कुमार गौरव (उनकी बहन नम्रता दत्त के पति) ने उनके भाई का रोल निभाया था।
नाम को कुमार गौरव ने ही प्रोड्यूस किया था। उनके पिता ने सिल्वर जुबली स्टार राजेंद्र कुमार ने बेटे कुमार गौरव को संजय दत्त वाला रोल करने के लिए कहा था ।