1994 में एक ऐसी घटना घटी थी, जिसने विवाद खड़ा कर दिया था। दरअसल, एक फिल्म डायरेक्टर ने एक एक्ट्रेस को जीते जी मार दिया था। वह भी अपने निजी फायदे के लिए।
हम जिस हीरोइन की बात कर रहे हैं, उनका नाम है मनीषा कोइराला। और जिस डायरेक्टर ने उनकी मौत की झूठी खबर उड़ाई थी, वह हैं महेश भट्ट।
दरअसल, 1994 में महेश भट्ट निर्देशित फिल्म 'क्रिमिनल' रिलीज हुई थी, जिसमें मनीषा कोइराला की अहम् भूमिका थी। इसी फिल्म के प्रमोशन के लिए भट्ट ने गंदा दांव चला था।
महेश भट्ट और उनके भाई मुकेश भट्ट ने अख़बारों में दहलाने वाला विज्ञापन दिया। उन्होंने इसमें एक्ट्रेस की तस्वीर दी और लिखा- मनीषा कोइराला नहीं रहीं।
खास बात यह है कि महेश भट्ट और मुकेश भट्ट ने इस विज्ञापन के बारे में मनीषा कोइराला को भी नहीं बताया था। यह सिर्फ मनीषा कोइराला के फैन्स के बीच फिल्म की पब्लिसिटी के लिए किया गया था।
दरअसल, 'क्रिमिनल' की कहानी मनीषा कोइराला के किरदार डॉ. श्वेता की मौत हो जाती है।इसे ही महेश भट्ट ने प्रमोशन का जरिया बनाना चाहा।
बताया जाता है कि मनीषा कोइराला की मौत की झूठी खबर फैलाने की वजह से महेश भट्ट की खूब आलोचना हुई थी। यहां तक कि उनके खिलाफ FIR दर्ज होने की बात तक कही जाती है।
'क्रिमनल' के प्रमोशन के लिए महेश भट्ट का हथकंडा काम ना आया। यह फिल्म फ्लॉप हो गई थी। फिल्म में नागार्जुन और राम्या कृष्णन की मुख्य भूमिका थी।