मध्यप्रदेश के इंदौर में 28 सितंबर 1929 को जन्मीं लता मंगेशकर महज़ 13 साल की उम्र में प्लेबैक सिंगिंग शुरु कर दी थी।
लताजी को घर से ही संगीत की शिक्षा हासिल हुई । पिता दीनानाथ मंगेशकर मंझे हुए संगीतकार थे, घर में हर वक्त स्वर लहरियां गूंजती रहती थीं।
लता मंगेशकर ने महज पांच साल की उम्र से ही स्टेज पर गायन शुरु कर दिया था। उस समय नाटक मडलियां हुआ करती थीं, जिसमें लताजी परफॉर्म करती थीं।
साल 1942 में वसंत जोगलेकर की मराठी मूवी 'किटी हसाल' के लिए लता मंगेशकर ने पहली बार प्लैबैक सिंगिंग की थी ।
13 साल से शुरु ये सफर लताजी की अंतिम सांस तक चलता रहा । भले ही उन्होंने फिल्मों के लिए सिंगिंग छोड़ दी हो, लेकिन रियाज़ ताउम्र किया ।
लता मंगेशकर के नाम 30 हज़ार से ज्यादा गानो में अपनी आवाज़ देने का रिकॉर्ड है।
लता दीदी के नाम से मशहूर इस महान सिंगर को साल 2001 में भारत के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' सम्मानित किया गया था ।
6 फरवरी 1922 को स्वर कोकिला ने हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन उनकी आवाज़ सदियों तक लोगों को मधुर रसपान कराती रहेगी।
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