सूफी सिंगर कैलाश खेर को अपनी सिंगिंग जर्नी में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
हालिया इंटरव्यू में कैलाश खेर ने बताया था कि उन्होंने अपने करियर से निराश होकर खुदकुशी का फैसला कर लिया था।
कैलाश खेर जर्मनी मे एक कंपनी को हैंड मेड प्रोडक्ट सप्लाई करते थे। हालांकि कुछ समय बाद उनका ये बिजनेस खत्म होने की कगार पर आ गया था।
कारोबार में घाटा लगने के बाद वे ऋषिकेश चले गए थे । हालांकि, कुछ संतों ने उन्हें समझाया कि संन्यास के लिए उनकी उम्र बहुत कम है।
कैलाश खेर ने बताया कि लाइफ के बढ़ते स्ट्रगल की वजह से एक दिन उन्होंने सुसाइड के इरादे से गंगा नदी में झलांग लगा दी थी।
गंगा में छलांग लगाने के बाद घाट पर मौजूद एक शख्स ने उन्हें डूबने से बचा लिया। इसके बाद उसने कैलाश खेर के सिर पर टपली मारी थी।
इस शख्स के द्वारा मारी गई टपली ने लाइफ का सबसे अहम लेसन दिया था। इसके बाद उन्होंने चीजों को गंभीरता से लेना शुरु किया था।
कैलाश खेर को सूफी गानों से पहचान मिली, उनका सबसे पॉप्युलर गाना तेरी दीवानी था।
कैलाश खेर ने अपने करियर में "चांद सिफ़ारिश", "यूहीं चला चल राही", "या रब्बा" और "अर्ज़ियां" जैसे कई सुपरहिट गाने दिए हैं।