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सुपरस्टार जिसे राजनीति में आने में लगे 25 साल, बाहर होने में बस 26 दिन

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रजनीकांत का राजनीतिक करियर

रजनीकांत वह सुपरस्टार हैं, जिन्हें साउथ का गॉड यानी भगवान कहा जाता है। लेकिन राजनीति में उनका सबसे कम कार्यकाल रहा है। उन्होंने महज 26 दिन में राजनीति छोड़ दी थी।

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रजनीकांत को राजनीति में आने में 25 साल लगे थे

राजनीति में आने का मन रजनीकांत ने 1996 में बना लिया था। लेकिन उन्हें ऐसा करने में 25 साल का वक्त लग गया। आधिकारिक तौर पर दिसंबर 2020 में उनकी पॉलिटिकल जर्नी शुरू हुई थी।

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1996 में रजनीकांत ने दिया था चर्चित पॉलिटिकल स्टेटमेंट

रजनीकांत ने सबसे चर्चित राजनीतिक बयान 1996 में तब दिया था, जब जयललिता तमिलनाडु की CM थीं और उनके दत्तक पुत्र वीएन सुधाकरण की शादी में अंधाधुंध खर्च की खबर मीडिया में छाई हुई थी।

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रजनीकांत ने क्या कहा था अपने बयान में?

रजनीकांत ने अपने बयान में जयललिता सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने सरकार में भ्रष्टाचार होने का दावा किया था और कहा था कि इस सरकार को सत्ता में नहीं होना चाहिए।

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रजनीकांत का पहली बार किसी पार्टी को समर्थन

1996 में जब मूपनार ने मनीला कांग्रेस पार्टी बनाई और डीएमके के साथ गठबंधन किया तो रजनीकांत ने इसे सपोर्ट किया था। यह किसी पार्टी को उनका पहला समर्थन था।

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समय-समय पर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल रहे रजनीकांत

रजनीकांत समय-समय पर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल रहे। फिर चाहे 1998 के संसदीय चुनाव में उनका डीएमके को समर्थन हो या फिर कावेरी जल विवाद में तमिलनाडु का समर्थन।

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रजनीकांत का 26 दिन का राजनीतिक करियर

रजनीकांत ने 3 दिसंबर 2020 को घोषणा की कि वे विधानसभा चुनाव में सभी सीटों से उम्मीदवार उतारेंगे। लेकिन 29 दिसंबर 2020 को उन्होंने चुनाव ना लड़ने का ऐलान कर दिया था।

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