मलयालम फिल्मों के मशहूर एक्टर अब सांसद बन गए हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते हैं। अब कुछ रिपोर्ट्स में उनके फ़िल्में छोड़ने का दावा किया जा रहा है।
हाल ही में खुद सुरेश गोपी से पूछा गया कि क्या वे इलेक्शन जीतने के बाद फ़िल्में करना छोड़ देंगे तो उन्होंने जवाब दिया कि वे पुराने कमिटमेंट वाले प्रोजेक्ट्स को पूरा करना चाहते हैं।
सुरेश ने कहा, "मेरे पास ममूटी की प्रोडक्शन कंपनी का एक प्रोजेक्ट है,जिस पर मैं काम शुरू कर चुका हूं। फिर मेरे पास बिजनेसमैन गोकुलम गोपालन की प्रोडक्शन फर्म के 3 प्रोजेक्ट्स हैं।"
सुरेश गोपी ने आगे कहा, "उनमें से एक पैन यूनिवर्स फिल्म भी है, जिसका बजट 100 करोड़ तक है। इसलिए मैं वैसे ही फ़िल्में करना चाहता हूं, जैसी राज्यसभा सांसद होते हुए करता था।"
सुरेश गोपी 2016 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
बताया जा रहा है कि 2019 में हार का सामना करने के बाद सुरेश गोपी दोबारा चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे। लेकिन जब हाई लीडरशिप ने दबाव बनाया तो वे इसके लिए तैयार हो गए।
सुरेश गोपी वह नेता है, जिनके रूप में भारतीय जनता पार्टी को केरल से पहला सांसद मिला है। उन्होंने त्रिशूर संसदीय क्षेत्र से CPI के वीएस सुनीलकुमार को 74,686 वोट से हराया है।
65 साल के सुरेश गोपी 7 दशक से फिल्मों में एक्टिव हैं। उन्होंने चाइल्ड एक्टर के तौर पर 1965 में मलयालम फिल्म 'Odayil Ninnu' से एक्टिंग डेब्यू किया था।
सुरेश गोपी अब तक मलयालम में 'Kaliyattam', 'माय गॉड', 'गरुदन', तमिल में 'Dheena', तेलुगु में 'I'हिंदी और कन्नड़ में 'न्यू डेल्ही' जैसी लगभग 250 फिल्मों में काम किया है।