देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से हर साल किसी ना किसी हस्ती को सम्मानित किया जाता है। एक फिल्म अभिनेता को भी यह सम्मान मिल चुका है।
हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं, उनका नाम है एमजी रामचंद्रन, जिन्हें लोग MGR के नाम से जानते हैं। उन्हें यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया था।
एमजीआर सिर्फ एक्टर ही नहीं थे, बल्कि राजनेता भी थे और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी रहे। उनकी मौत (24 दिसंबर 1987) के तुरंत बाद जब उन्हें भारत रत्न दिया गया तो बवाल मच गया था।
दरअसल, विरोधियों ने इसके लिए तत्कालीन राजीव गांधी सरकार की आलोचना की थी। दावा किया गया कि उन्होंने 1989 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से यह सम्मान MGR को दिलवाया।
कांग्रेस ने एमजीआर की उत्तराधिकारी जयललिता की पार्टी से हाथ मिलाया और तमिलनाडु में 39 में से 38 सीट जीतीं। लेकिन देश में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
एमजीआर सी. राजगोपालाचारी और के. कामराज के बाद तमिलनाडु के तीसरे मुख्यमंत्री थे, जिन्हें भारत रत्न दिया गया था। जबकि वे इससे सिर्फ 11 साल पहले ही सीएम बने थे।
एमजीआर ने 1936 में तमिल फिल्म 'सती लीलावती' से डेब्यू किया और निधन से पहले उनकी आखिरी फिल्म 1978 में रिलीज हुई 'Madhuraiyai Meetta Sundharapandiyan' थी।
MGR ने पूरे करियर में 130 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उनकी दो फ़िल्में 'Avasara Police 100' और 'Nallathai Naadu Kekum' उनके निधन के बाद रिलीज हुई थीं।
एमजीआर को 1965 में फिल्म 'Enga Veettu Pillai' के लिए फिल्मफेयर का स्पेशल जूरी अवॉर्ड और 1971 में 'Rickshawkaran' के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड दिया गया था।