12 जनवरी 1952 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में जन्मे अरुण गोविल 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। एक्टर होने के साथ-साथ वे अब राजनेता और मेरठ से भारतीय जनता पार्टी के सांसद भी हैं।
अरुण गोविल 6 दशक से एक्टिंग वर्ल्ड में एक्टिव हैं। वे 1977 में फिल्मों में आ गए थे। उन्होंने 'पहेली', 'सावन को आने दो', 'जुदाई', 'हिम्मतवाला', 'युद्ध' जैसी फिल्मों में काम किया है।
अरुण गोविल ने मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उनके पिता चन्द्र प्रकाश गोविल सरकारी अफसर थे।
अरुण गोविल ने 1975 में मुंबई आकर अपने भाई का बिजनेस जॉइन कर लिया था। लेकिन इसमें उन्हें मजा नहीं आया और उन्होंने एक्टिंग वर्ल्ड में करियर बनाने का फैसला लिया।
अरुण जब कॉलेज में थे, तब वहां ड्रामाज में हिस्सा लेते थे और यहीं से उनका एक्टर बनने का सपना पनपा। 1977 में राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म 'पहेली' में उन्हें पहला ब्रेक मिला था।
1987 में जब अरुण गोविल रामानंद सागर के शो 'रामायण' में भगवान राम के रोल में दिखे तो लोग उन्हें असली भगवान समझने लगे थे और उनके पैर छूने लगे थे।