एक्टर और सांसद अरुण गोविल 12 जनवरी 1952 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में पैदा हुए थे। उन्हें रामानंद सागर के शो 'रामायण'(1987-88) में भगवान राम का रोल निभाने के लिए जाना जाता है।
एक इंटरव्यू में अरुण गोविल ने बताया था कि जब उन्हें पता चला कि रामानंद सागर 'रामायण' बना रहे हैं तो वे भगवान राम के रोल के लिए ऑडिशन देने पहुंच गए थे।
अरुण गोविल के मुताबिक़, रामानंद सागर ने उन्हें राम के ऑडिशन में रिजेक्ट कर किसी और को इस रोल में ले लिया था। सागर के बेटों मोती और आनंद ने उन्हें भरत या लक्ष्मण का रोल ऑफ़र किया था।
अरुण ने यह भी बताया था कि वे रिजेक्शन के बाद भी राम के रोल के लिए ही अड़े रहे थे। फिर एक दिन 'रामायण' के मेकर्स ने उन्हें कॉल किया और उनके मनचाहे रोल में कास्ट कर लिया।
अरुण गोविल ने 'रामायण' से पहले रामानंद सागर के साथ 'विक्रम और बेताल' और आनंद सागर के निर्देशन में फिल्म 'बादल' में काम किया था। इसके चलते वे उन्हें पहले से जानते थे।
बकौल अरुण, "उस वक्त पौराणिक शो करना करियर के लिए घातक माना जाता था। मेरे दोस्तों-घरवालों ने कहा था कि 'रामायण' मत करो। ऐसा करना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं रहेगा।"
बताया जाता है कि 'रामायण' का बजट 9 लाख रुपए प्रति एपिसोड था। जबकि पूरे शो के लिए अरुण गोविल को 40 लाख रुपए का मेहनताना मिला था। यह शो का एक एपिसोड का रेवेन्यू होता था।