अगर कोई पूछे कि टीवी के सबसे मशहूर राम कौन हैं तो यकीन मानिए हर किसी की जुबान पर अरुण गोविल का नाम आएगा, जिन्होंने 80 के दशक में 'रामायण' में यह किरदार निभाया था।
कुछ रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जाता है कि अरुण गोविल राम का रोल करने के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन इसके बारे में कहीं आधिकारिक पुष्टि नहीं मिलती है।
अरुण गोविल की मानें तो रामानंद सागर का शो 'रामायण' करने के बाद उन्हें काम मिलना बंद हो गया था और उन्हें लगने लगा था कि उन्होंने यह रोल कर बहुत बड़ी गलती कर दी।
अरुण ने न्यूज़ 18 से बातचीत में कहा था, "रामायण के पहले मैं कमर्शियल एक्टर था। अच्छा काम कर रहा था। लेकिन रामायण करने के बाद मुझे काम नहीं मिल रहा था।"
अरुण ने इसी इंटरव्यू में आगे कहा था, "मुझे लगने लगा था कि यह (राम का रोल) गलती थी। एक्टर होने के नाते आप कमर्शियल सिनेमा नहीं कर रहे तो आप कुछ भी नहीं हैं।"
बकौल अरुण, "उस वक्त पौराणिक शो करना अच्छा नहीं माना जाता था। मेरे दोस्त, फैमिली मेंबर कहते थे-तुम रामायण क्यों कर रहे हो? यह ग्रेडेड काम नहीं है। तुम इस तरह के काम में फंस जाओगे।"
अरुण कहते हैं, "मैंने उनसे कहा- 'मुझे नहीं पता। लेकिन अगर मैंने इसके बारे में सोचा है तो मुझे यह करने दो।' उसके बाद एक्टर के तौर पर मुझे काफी परेशानियां उठानी पड़ीं।"
बकौल अरुण, "जब दर्शकों का ढेर सारा प्यार मिला तो समझ आया कि कमर्शियल एक्टर के तौर पर मैं यह प्यार कभी हासिल नहीं कर पाता।"
अरुण गोविल ने इसी इंटरव्यू में अंत में कहा था, "अब मुझे ऐसा लगता है कि अगर मैंने यह रोल (राम) ना किया होता तो मैंने अपनी जिंदगी नहीं जी पाता।"
'रामायण' से अरुण गोविल फिल्म एक्टर थे। उन्होंने 'पहेली', 'जुदाई', 'कमांडर', 'बृज भूमि', 'हिम्मतवाला' और 'शत्रु' जैसी फ़िल्में की थीं। उनका पहला शो 'विक्रम और बेताल' 1985 में आया था।