तिरुपति लड्डू: स्वाद से परे, 10 ऐसे तथ्य जो आपको चौंका देंगे
Other Lifestyle Sep 20 2024
Author: Chanchal Thakur Image Credits:instagram
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तिरुपति लड्डू के बारे में 10 फैक्ट
तिरुपति लड्डू भगवान वेंकटेश्वर को तिरुमला मंदिर, तिरुपति, आंध्र प्रदेश में नैवेद्य के रूप में अर्पित की जाने वाली प्रसिद्ध मिठाई है। चलिए इसके बारे में 10 फैक्ट जानते हैं।
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दर्शनार्थियों को दिया जाने वाला प्रसाद
तिरुपति लड्डू तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर को अर्पित किया जाने वाला प्रसाद है, जो दर्शन करने वाले भक्तों को दिया जाता है।
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2009 में मिला था GI टैग
इसे 2009 में भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्राप्त हुआ।
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8,00,000 लड्डू का होता है निर्माण
मंदिर की रसोई में रोजाना 8,00,000 लड्डू बनाने की क्षमता है।
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1715 में शुरू हुई परंपरा
लड्डू चढ़ाने की परंपरा 1715 में शुरू हुई थी।
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बेसन, घी, चीनी और ड्राई फ्रूट्स से बनती है लड्डू
लड्डू बनाने के लिए बेसन, घी, काजू, इलायची, चीनी, और किशमिश का उपयोग होता है।
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620 लोग बनाते हैं लड्डू
लगभग 620 लोग लड्डू बनाने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं।
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3 तरह के होते हैं लड्डू
लड्डू तीन प्रकार के होते हैं अस्थानम, कल्याणोत्सवम, और प्रोक्तम लड्डू।
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स्वाद के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध
यह अपने अनूठे स्वाद और उच्च गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। फिलहाल यह लड्डू विवाद से घिरा हुआ है।
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क्या है लड्डू विवाद?
तिरुपति में बालाजी के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को दिए जाने वाले लड्डू प्रसादम में 'पशु की चर्बी', 'लार्ड' (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का दावा किया गया है
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लड्डू की बिक्री से प्राप्त धन को क्या करते हैं?
लड्डू की बिक्री से प्राप्त धन मंदिर के रखरखाव में जाता है।