Hindi

Year Ender 2023: LGBTQ marriage समेत ये 5 बड़े फैसले जो चर्चा में रहे

Hindi

LGBTQIA+ समुदाय की शादी

सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने भारत में LGBTQIA+ समुदाय को शादी में समानता देने के अधिकार से मना किया। सामान्य लोगों जैसे अधिकार LGBTQIA समुदाय को भी दिए जाने चाहिए।

Image credits: social media
Hindi

बच्चा गोद लेने का अधिकार

ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को व्यक्तिगत कानूनों सहित मौजूदा कानूनों के तहत शादी करने का अधिकार है। समलैंगिक जोड़े सहित अविवाहित जोड़े मिलकर एक बच्चे को गोद ले सकते हैं।

Image credits: social media
Hindi

महिला को मेंटेनेंस नहीं दिया जाएगा

एक याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नौकरी कर रही महिला को भरण-पोषण देने से इनकार किया। क्योंकि महिला योग्य होने के साथ नौकरी कर रही थी। ऐसे में पति पर भरण-पोषण का मामला नहीं बनता है।

Image credits: social media
Hindi

पोर्नोग्राफी से जुड़े केस पर हाईकोर्ट

शख्स द्वारा सड़क किनारे पोर्न वीडियो देखने पर पुलिस ने शिकायत की थी। केस को केरल हाईकोर्ट ने रद्द किया। क्योंकि पोर्न क्लिप देखना अपराध नहीं है। ये पुरुष या महिला का निजी फैसला है।

Image credits: social media
Hindi

बालिग कपल के अधिकार

लिवइन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा किसी भी बालिग कपल को साथ रहने की स्वतंत्रता है भले ही वो अलग जाति या धर्म के हों। किसी को भी उनके शांतिपूर्ण जीवन में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है।

Image credits: social media
Hindi

लिव इन नहीं होगा वैलिड

बीवी को तलाक दिए बगैर दूसरी औरत के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने को शादी जैसा संबंध नहीं कहा जा सकता है। एक मामले पर कोर्ट ने कहा था कि ऐसा लिवइन रिलेशन कानूनी रूप वैलिड नहीं है।

Image Credits: social media