इक्कत स्टोल को खासतौर पर सागौन की लकड़ी के बक्से में रखा जाता है। ये गुजरात के कारीगरों की खासियत है। इसकी कीमत इक्कत साड़ी की तरह लाखों रुपए में होती है।
असम स्टोल को खास मुगा रेशम से कुशल कारीगरों द्वारा सांस्कृतिक विरासत के तौर पर बनाया जाता है। ये असमिया बुनाई परंपरा का प्रतीक है। इस स्टोल की कीमत 3 हजार से लाखों रुपए तक होती है।
कश्मीरी पश्मीना स्टोल को पेपर माचे बॉक्स में रखते हैं। ये कश्मीर की लोकप्रिय विरासत को दर्शाता है। पश्मीना धागे से कढ़ी हुई चीजों की कीमत 10 हजार से शुरू होकर लाखों में है।
बनारसी स्टोल को रेशम के धागे से बनाया जाता है। ये बनारसी साड़ियों की तरह की बहुत की करीने से तराशा जाता है। इसकी रेंज भी लाखों रुपए तक होगी है।
इस लिस्ट में कांजीवरम स्टोल भी शामिल है। जिसमें खासतौर से सोने और चांदी के तारों से काम किया गया होता है। इसकी बुनाई बहुत की लंबे टाइम में होती है और कीमतें भी ऊंची होती है।
ये शेड भी बनारसी सिल्क स्टोल का हिस्सा है। इसपर परंपरिक बनारसी कढ़ाई की गई है और हाथों से खास इसे बुना गया है। इसे कीमत डिजाइन के हिसाब से होती है।