राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहते हैं जिसका अर्थ तीन रंग है। संविधान सभा ने स्वतंत्र भारत के लिए तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया। आइए तिरंगे के बारे में जानें 7 जरूरी बातें।
ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में 15 अगस्त 1947 को पहला बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था। 16 अगस्त को स्वतंत्रता के बाद पहली बार लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।
तिरंगा में तीन रंग होते हैं और इसके बीच में अशोक चक्र होता है। जिसमें भगवा रंग - साहस और बलिदान, सफेद - सत्य, शांति और पवित्रता का और हरा रंग-समृद्धि का प्रतीक है।
भारतीय नागरिक अपनी कार के अंदर डैशबोर्ड या विंडस्क्रीन पर मिनी तिरंगा फहरा सकते हैं।
केंद्र/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कुछ गणमान्य व्यक्तियों की मृत्यु की स्थिति में, कुछ स्थानों पर और निर्दिष्ट दिनों के लिए राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहता है।
फ्लैग कोड ऑफ इंडिया वह ऑफिशियल बुक है। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन के लिए सभी कानूनों, परंपराओं, प्रथाओं और निर्देशों को एक साथ लाती है।
आप साल के सभी 365 दिनों में अपने घर पर या अपने कार्यस्थल पर देश का राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकते हैं।