ऐसे लोगों को अपनी परेशानी ना बताए जो सबको अपना दोस्त बताते हैं। वो हर गलत और सही बात दोनों का समर्थन करते हैं। ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक जो लोग मतलबी और स्वार्थी होते हैं उन्हें किसी के दुख से फर्क नहीं पड़ता है। ऐसे में उनसे अपनी परेशानी बातकर आप एक और दुख ले सकते है।
जिन लोगों के अंदर दूसरे को देखकर जलने की प्रवृत्ति होती है वैसे लोगों से भी अपना दुख कभी नहीं शेयर करें। भले ही वो आपके दुख सुन लेंगे लेकिन मन ही मन वो आपकी दशा पर खुश होंगे।
जो लोग बहुत ज्यादा बातें करते हैं उसे भी अपनी परेशानी ना बताएं। क्योंकि वो आपकी बातों को दूसरे के सामने तोड़ मरोड़कर पेश करेंगे। जिसमें से ज्यादातर झूठी होती है।
वैसे तो हंसी मजाक आपकी जिंदगी को आसान बना देता है। लेकिन कई बार लोग आपकी परेशाना को भी मजाक में लेने लगते हैं। ऐसे लोगों से अपने दुख का जिक्र ना करें जो हर बात को मजाक में उड़ाएं।