वास्तु शास्त्र को भारत का ओल्ड साइंस माना जाता है। घर में आपके वास के तरीके से पॉजिटिव या निगेटिव एनर्जी जेनेरेट होती है। वास्तु के हिसाब से बेड में खाना कठिनाई में डाल सकता है।
वास्तु की मानें तो खाना हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके जमीन में खाना चाहिए। आजकल लोग पाश्चात्य सभ्यता अपनाते हुए कहीं भी खाते हैं। बेड में बैठकर खाने से दरिद्रता आती है।
अगर आप रोजाना बिस्तर में बैठकर खाते हैं तो लक्ष्मी जी आपसे रूठ सकती हैं। बिस्तर सोने का स्थान होता है जहां कभी भी खाना नहीं चाहिए।
घर में बिना वजह अशांति फैलना भी बिस्तर में खाने का कारण हो सकता है। आपको अपनी इस आदत में सुधार करना चाहिए।
वास्तु के अनुसार जो लोग बिस्तर में बैठकर खाते हैं उनके ऊपर भारी कर्ज चढ़ जाता है जो कि दुख का कारण बन जाता है।
जो लोग बैड में बैठकर खाते हैं उन लोगों की नींद ठीक से पूरी नहीं हो पाती है। कई बार खाने के टुकड़ों की महक से कॉकरोच बेड में आ जाते हैं।
हमेशा खाने की थाली को बैठने के स्थान से ऊपर रखना चाहिए। इसे अन्नपूर्णा का सम्मान समझा जाता है। कुछ बातों का ध्यान रख आप घर में खुशहाली ला सकते हैं।