हाना ने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्हें फ्लाइट उड़ाते देखकर एक महिला दंग रह गई थीं। कॉकपिट में उन्हें बैठे हुए देखकर महिला ने कहा था, ओई यहां तो छोरी बैठी।'इसके बाद वो मशहूर हो गईं।
हाना भारत में 3500 महिला पायलटों में से 34 मुस्लिमों में से एक हैं। भारत में बाकि दुनिया की तुलना में महिला पायलटों का अनुपात ज्यादा है लेकिन मुसलमानों का प्रतिनिधित्व कम हैं।
हाना कहती हैं एक मुस्लिम समाज से होकर उच्च महत्वाकांक्षा रखने वाली लड़कियों के समाने अपनी खुद की चुनौतियां आती हैं। उन्हें भी इसका सामना करना पड़ा।
हाना ने सऊदी में 10वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद यूपी के मेरठ शहर में लौट आईं। वो तेज दिमाग की थी, ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली आईं।
पत्राकारिता करने और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाने के बाद वो पायलट बनी। वो इंडियन एयरलाइन में कमर्शियल पायलट हैं।
हाना बताती हैं कि साल 2014 में त्रिवेंद्रम में एक शादी में हिस्सा लेने गई थी। वहां पर मौजूद सभी पायलट थे।इसके बाद मैंने पायलट बनने का फैसला लिया।
हाना बताती हैं कि ऑफ वेडिंग सीजन में 18-18 घंटे की पढ़ाई करती थीं।यह आसान नहीं था क्योंकि मुझे कम से कम 15 साल पहले परीक्षा देनी चाहिए थी।
हाना ने अपनी लिखित परीक्षा अच्छे नंबरों से पास किया और लाइसेंस पाने से पहले तीन उड़ान परीक्षणों को पास करने के बाद अंत में उनका चयन किया गया।
पायलट बनने का सपना हाना अपने माता-पिता से छुपाकर रखा था। जब वो पायलट बन गई तो इसकी जानकारी उन्हें दीं। हालांकि उन्होंने बेटी के फैसले पर कुछ कहा नहीं। उन्हें अपनी बेटी पर नाज है।