गुड़ी पड़वा का शुभ अवसर आपके जीवन को नई आशा, नई आकांक्षाओं और नई शुरुआत से भर दे। गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं!
बुने हुए सपने , बुनी हुई यादों का मल्हार, कोयल की बोली में शुरू हुआ गुड़ी का त्योहार।
पिछली यादें गठरी में बांधकर, करें नए साल का इंतजार, लाएं खुशियों की बारात, ऐसी हो गुड़ी पड़वा से परंपरागत शुरुआत।
गुड़ी ही विजय पताका कहलाए, पेड़-पौधों से सजता है चैत्र माह, इसलिए हिंदू धर्म में यह नव वर्ष कहलाए, हैप्पी गुड़ी पड़वा।
आया रे मराठी नव वर्ष आया, खुशियों की सौगात लाया, हंसते गाते खुशियां मनाओ, गुड़ी पड़वा पर सबको मिठाई खिलाओ, गुड़ी पड़वा की हार्दिक शुभेच्छा।
चारों तरफ हो खुशियां ही खुशियां, मीठी पूरनपोली और गुजिया ही गुजिया, द्वार पर सजती सुंदर रंगोली की सौगात, आसमान में हर तरफ पतंगों की बारात।
पेड़ों पर सजती नए पत्तों की बहार, हरियाली से महकता प्रकृति का व्यवहार, ऐसा सजता है गुड़ी का त्योहार, मौसम ही कर देता है नववर्ष का सत्कार।
आपको और आपके परिवार को सुख, शांति और समृद्धि से भरे नए साल की शुभकामनाएं।
जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, संवेदना देता है और हमें दया भाव सिखाता है उसी तरह यह नववर्ष हमें हर पल ज्ञान दें और हमारा हर दिन, हर पल मंगलमय हो।
कल-कल छल-छल कर रहा नदी का जल, ऐसे ही निर्मल बीते आपके नव वर्ष का हर पल।