चंदेरी की साड़ी मध्य प्रदेश के चंदेरी नामक गांव में बनाई जाती है। यह साड़ी अपनी नेचुरल खूबसूरती, इतिहास और समृद्ध संस्कृति के लिए जानी जाती है। इसे साड़ियों की रानी भी कहा जाता है।
चंदेरी की साड़ी हाथ से बनाई जाती है। इसी कारण असली चंदेरी की साड़ी की कीमत ₹5000 से लेकर 20-25000 तक होती है। असली चंदेरी की साड़ी खरीदने से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखें-
असली चंदेरी का कपड़ा हल्का होता है और इसकी बुनाई हाथों से की जाती है, जिसमें काफी समय लगता है। जबकि, नकली चंदेरी के कपड़े को मशीन से बुना जाता है, इसलिए यह सस्ती मिलती है।
चंदेरी की साड़ियों की बनावट थोड़ी खुरदुरी होती है, क्योंकि इसमें जरी के धागों से बुनाई की जाती है। इसी कारण यह चिकनी नहीं होती, जबकि नकली चंदेरी की साड़ी एकदम चिकनी होती है।
चंदेरी के कपड़े में मलमल के पतले धागों का इस्तेमाल किया जाता है। यह धागे बहुत सॉफ्ट होते हैं, जिन्हें रंगा जाता है। इसी के कारण चंदेरी की साड़ियां ट्रांसपेरेंट होती है।
असली चंदेरी साड़ी पर जो बूटी या आकृतियां बनी होती है वह हाथ से बुनी जाती है और इसे आमतौर पर सोने चांदी या तांबे के पाउडर से कोट किया जाता है, जिससे अनोखी चमक आती है।
रियल चंदेरी साड़ी में हैंडलूम का टैग लगा होता है। अगर आपकी साड़ी में सर्टिफाइड हैंडलूम का टैग नहीं लगा तो यह नकली चंदेरी की साड़ी हो सकती है।
चंदेरी की असली साड़ी में 20 से 22 डेनियल्स के रेशम के धागों का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि नकली चंदेरी साड़ी में रेशम के धागों की जगह सिंथेटिक धागों का इस्तेमाल होता है।