करवा चौथ पर सरगी का बहुत महत्व होता है। सास अपनी बहू के लिए सुहाग का समान, 16 श्रृंगार, मिठाई, मीठी और नमकीन मट्ठी जैसी कई चीजें रखती हैं और ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद देती हैं।
सरगी की थाली में सबसे पहले 16 श्रृंगार रखा जाता है, जिसमें कुमकुम, बिंदी, पायल, मेहंदी, चूड़ी, लाल साड़ी, गजरा महावर, सिंदूर, पायल, मांग टीका, बिछिया, काजल और कंघी रखी जाती है।
सरगी की थाली में मीठा और नमकीन दोनों रखने का विशेष महत्व होता है। ऐसे में सास अपनी बहू की थाल में मीठी और नमकीन मट्ठी भी रखती हैं।
सरगी की थाली में नारियल जरूर रखा जाता है। पूजा पाठ में नारियल का विशेष महत्व होता है और व्रत के बाद नारियल पानी पी के बहू हाइड्रेटेड फील कर सकती है।
सरगी की थाली में सास अपनी बहू के लिए ड्राई फ्रूट्स भी रखती है और उसमें काजू, बादाम, पिस्ता, अखरोट जैसी चीज शामिल होती है।
सरगी की थाली में मिठाई जरूर रखी जाती है और सूर्योदय से पहले इसी मिठाई का सेवन किया जाता है।
करवा चौथ की सरगी में सास जो अपनी बहू को फल देती है उसे ही सुबह सरगी में खाया जाता है। इसमें आप अनानास, सेब, केले जैसे फल थाली में रख सकती हैं।
करवा चौथ के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में सरगी खाने का समय होता है। सूर्योदय से पहले यानी करीब तीन से चार बजे के बीच स्नान करके सरगी ली जाती है। सरगी का समय सुबह 5 बजे तक होता है।