जूते-चप्पल खोने को लेकर कई संस्कृतियों और परंपराओं में अलग-अलग धारणाएं हैं। हिंदू धर्म और समाज में इसे कई बार शुभ संकेत के रूप में देखा जाता है।
कुछ मान्यताओं के अनुसार, ये अनचाही या बुरी घटना से बचाव का संकेत होता है। जिस नुकसान का डर था, वह जूते-चप्पल खोने के रूप में हो गया, और इससे बड़े संकट से बचाव हो गया।
जूते-चप्पल खोने को लेकर कई लोग मानते हैं कि ये एक नई शुरुआत का प्रतीक होता है। इससे पुरानी बाधाओं और समस्याओं से छुटकारा मिलता है और नए अवसर आते हैं।
कुछ परंपराओं में जूते-चप्पल खोने को इस बात का संकेत माना जाता है कि आपको जल्द ही कोई अच्छी खबर या खुशी मिलने वाली है।
ऐसा कहा जाता है कि पुराने जूते-चप्पल आपके पुराने जीवन का प्रतीक हैं और उनके खो जाने से आपके जीवन में नए अवसरों की शुरुआत होती है।
एक मान्यता ये भी कहती है कि जूते-चप्पल खोने से आपको कहीं यात्रा पर जाना पड़ सकता है। साथ ही आपकी ये यात्रा भी मंगलमय रहेगी।