Hindi

कांजीवरम से लेकर पटोला तक शिवरात्रि पर पहने भारत की 9 रीजनल साड़ियां

Hindi

कांजीवरम साड़ी

कांजीवरम साड़ी मूल रूप से साउथ इंडिया की ट्रेडिशनल साड़ी है। यह एक तरह की सिल्क साड़ी होती है, जिस पर खूबसूरत गोल्डन धागे से वर्क किया होता है।

Image credits: Instagram
Hindi

पैठणी साड़ी

पैठणी साड़ी महाराष्ट्र के पैठण शहर में बनाई जाती है और इस साड़ी को बनाने के लिए कंट्रास्ट कलर का इस्तेमाल किया जाता है। पूजा पाठ के दौरान ये साड़ी बहुत खूबसूरत लगती है।

Image credits: Instagram
Hindi

बनारसी साड़ी

इंडियन ट्रेडिशन में बनारसी साड़ी का इतिहास बहुत पुराना है, जो उत्तर प्रदेश के शहर वाराणसी में मूल रूप से बनाई जाती है। इसमें सिल्क और ब्रोकेड फैब्रिक का इस्तेमाल होता है।

Image credits: Instagram
Hindi

बांधनी साड़ी

बांधनी साड़ी गुजरात और राजस्थान में खासतौर पर बनाई जाती है। इसमें प्रिंट्स सबसे ज्यादा खास होते हैं, जिसे कॉटन से लेकर सिल्क, जॉर्जेट या शिफॉन पर भी प्रिंट किया जाता है।

Image credits: Instagram
Hindi

चंदेरी साड़ी

मध्य प्रदेश के चंदेरी शहर में बनने वाली यह खूबसूरत चंदेरी साड़ी में शीयर टेक्सचर होता है और सटल डिजाइन का इस्तेमाल होता है। यह साड़ी बॉलीवुड सेलिब्रिटीज को भी खूब पसंद आती है।

Image credits: Instagram
Hindi

मुगा सिल्क साड़ी

मुगा सिल्क साड़ी आमतौर पर असम में बनाई जाती है। इन साड़ियों में शाइनिंग टेक्सचर के साथ ही सफेद और लाल रंगों का आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

Image credits: Instagram
Hindi

बोमकाई साड़ी

बोमकाई साड़ी उड़ीसा की प्रसिद्ध साड़ी है। इसे उड़ीसा के ही बोमकाई गांव में तैयार किया जाता है और इस साड़ी को सोनपुरी साड़ी के नाम से भी जाना जाता है।

Image credits: Instagram
Hindi

पटोला साड़ी

पटोला साड़ी गुजरात के पाटण में बनाई जाती है। यह हथकरघे से बनी एक खूबसूरत साड़ी है, जिसमें रेशम के धागों का इस्तेमाल किया जाता है।

Image credits: Instagram
Hindi

लहरिया साड़ी

लहरिया साड़ी बहुत खूबसूरत लगती है। यह मूल रूप से राजस्थान में बनाई जाती है। इसे बनाने की शुरुआत 19वीं शताब्दी में हुई थी जब राजघराने की महिलाओं के लिए इसे तैयार किया गया था। 

Image Credits: Instagram